शनिवार, 3 जून 2017

काम नहीं करने वाले तकनीकी सहायक होंगे बर्खास्त, जिपं सीईओ ने अनुपस्थित कर्मचारियों को जारी किया नोटिस

जांजगीर-चांपा. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ऐसे तकनीकी सहायक जो ग्राम पंचायत में काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें नोटिस देकर हटाने के निर्देश जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत ने बैठक में दिए। साथ ही मनरेगा कार्यक्रम अधिकारियों से कहा कि जनपद पंचायत में अगर कोई कर्मचारी कार्यालयीन समय में नहीं आता है तो उसके खिलाफ  भी कड़ी कार्यवाही करें। 

मनरेगा के निर्माण कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कौन-कौन से काम दिए जा सकते हैं, इसको ग्रामीणों को बताने की जिम्मेदारी तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक सहित कार्यक्रम अधिकारी की है। जितने अधिक ग्राम पंचायत में मजदूरीमूलक काम स्वीकृत होंगे, उतने मनरेगा के जॉबकार्डधारी परिवार को रोजगार मिल सकेगा। अगर किसी ग्राम पंचायत में काम नहीं है तो संबंधित सरपंच, रोजगार सहायक सहित ग्रामीणों से लिखित में लेकर जिला को अवगत कराएं। बैठक में लंबित मजदूरी भुगतान, लंबित मस्टरोल, एमआईएस पर कार्यपूर्णता, जियो टैगिंग, जल संरक्षण एवं जल संचय आदि कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में सहायक परियोजना अधिकारी विजयेन्द्र सिंह, प्रोग्रामर गौरव शुक्ला, जनपद पंचायत कार्यक्रम अधिकारी, सहायक प्रोग्रामर, तकनीकी सहायक उपस्थित रहे। 

मानसून के पहले मजदूरीमूलक काम

जिपं सीईओ वसंत ने मानसून के आने के पहले डबरी, तालाब, कच्ची नाली सहित मजदूरी मूलक कार्यो को पूर्ण करने कहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन सहित अन्य परिसंपत्तियों के पूर्ण होने के बाद शासकीय योजनाओं की जानकारी सहित ज्ञानबर्धक जानकारी के साथ लिखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्ट ऑफिस के खाते बैंक में खोले जाएं, ताकि मजदूरों को मजदूरी मिलने में दिक्कत न हो। मनरेगा के प्रावधान के तहत मस्टररोल बंद होने के 15 दिन के भीतर मजदूरी का भुगतान करना अनिवार्य है। अगर 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं होता है तो संबंधित कार्यक्रम अधिकारी के वेतन से यह पैसा काटा जाएगा।

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