जांजगीर-चांपा. माइग्रेशन के लिए अधिक राशि लेने, सारणी फाडऩे, वाट्सएप्प पर झूठे और आपत्तिजनक व्यक्तव्य पोस्ट करने सहित विभिन्न कारणों के चलते जिले में पदस्थ तीन पंचायत शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। तीनों पंचायत शिक्षकों के खिलाफ हुई शिकायत की जांच में पुष्टि होने के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उनका निलंबन आदेश जारी किया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत ने छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के विपरित कार्य करने पर तीन शिक्षकों को निलंबित किया है। इनमें सोनसरी (अकलतरा) में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की व्याख्याता पंचायत अंजुला सोनी, रैनखोल (सक्ती) में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पंचायत कमल प्रसाद सिदार और बांधापाली (डभरा) में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पंचायत भुवनेश्वर प्रसाद सिदार का नाम शामिल है। जिला पंचायत से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, व्याख्याता पंचायत अंजुला सोनी के खिलाफ समय-सारणी फाडऩे, माइग्रेशन के लिए अधिक राशि लेने, वाट्सएप्प पर झूठे आपत्तिजनक व्यक्तव्य पोस्ट करने, महिला शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने और शिक्षक के विरूद्ध महिला आयोग में झूठी शिकायत दर्ज कराने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी।
शिकायत के आधार पर उन्हें कारण बताओ सूचना जारी किया गया। इसी प्रकार शिक्षक (पंचायत) कमल सिदार के खिलाफ छात्रा के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। इस प्रकरण की जांच प्रतिवेदन के आधार पर कारण बताओं सूचना जारी किया गया था। सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा स्कूल निरीक्षण रिपोर्ट में बताया गया कि शिक्षक (पंचायत) भुवनेश्वर प्रसाद सिदार विद्यालयीन समय में नहर का प्रवाह रोककर मछली पकड़ते पाए गए। इन प्रकरणों में तीनों शिक्षकों को कारण बताओं सूचना जारी किया गया था। शिक्षकों से समाधानकारक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इन शिक्षकों का निलंबन अवधि में संबंधित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को मुख्यालय निर्धारित किया गया है। इन शिक्षकों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
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