सोमवार, 2 अक्टूबर 2017

जानिए ऐसा क्या हुआ कि पशु चिकित्सक की पत्नी ने रिश्तेदारों पर लगाया लाखों की ठगी का आरोप

सक्ती. स्थानीय पशु चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. एके गबेल की धर्मपत्नी भोज गबेल ने अपने रिश्तेदारों पर आठ लाख 55 हजार रुपए की ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस महानिदेशक रायपुर से करते हुए ठगी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। 

उनका आरोप है कि ग्राम जाजंग (सक्ती) निवासी सरोज सुंदरी गबेल एवं उसका पुत्र आनंद प्रकाश गबेल जुलाई 2012 में ग्राम पोता (मालखरौदा) निवासी रामसिंह को उनके निवास पर लेकर पहुंचे। दोनों ने बताया कि उनके पिता रामसिंह को उसके छोटे पुत्र विमलेश सिंह ने मार-पीटकर घर से निकाल दिया है। रामसिंह के ऊपर बैंक लोन, बिजली बिल एवं अन्य ऊधारी चुकता करने के लिए उन्हें रुपयों की जरूरत है। दोनों ने रामसिंह की जमीन खरीदकर अग्रिम राशि देने का अनुरोध किया। चूंकि रामसिंह रिश्ते में भोज गबेल के नाना थे। इसलिए सरोज सुंदरी एवं आनंद प्रकाश की बातों का भरोसा कर उन्होंने ग्राम पोता (मालखरौदा) नहर चौक में स्थित रामसिंह की जमीन खसरा नंबर 812/2, रकबा 16.1 एकड़ में से कुल 40 डिसमिल जमीन का सौदाकर उन्हें चार किश्तों में 8 लाख 55 हजार रुपए लिखा-पढ़ी के साथ दिए थे। रकम प्राप्त करने के बाद आनंद प्रकाश गबेल ने अपने साढू ग्राम पुरेना (खरसिया) निवासी तिलेश गबेल एवं छोटे मामा विमलेश सिंह के साथ मिलकर राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से रामसिंह के सौदे की जमीन को अपने ससुर एवं बड़े मामा कुमुद सिंह गबेल के नाम नामांतरित करवा लिया, जिसकी वहज से रामसिंह अपने सौदे की जमीन की रजिस्ट्री नहीं कर सके और इस सदमे में उनकी मृत्यु हो गई। 

रामसिंह की मृत्यु के बाद भी सरोज सुंदरी एवं उसके बेटे आनंद प्रकाश द्वारा ठगी का सिलसिला लगातार जारी रखा गया। दोनों ने झांसे में लेकर अपना आम मुख्तियार (पंजीकृत) बनाकर प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सक्ती के न्यायालय में रामसिंह के बंटवारे को निरस्त कराने का वाद प्रस्तुत कर दिया और जब वाद अपने अंतिम स्तर तक पहुंच गया था, तभी सरोज सुंदरी ने अपने आम मुख्तियारनामा से उनका नाम हटाकर वाद को बिना निराकृत्य कराए अदम पैरवी में खारिज करवा दिया। इस प्रकार वे अपने ही रिश्तेदारों द्वारा ठगी का शिकार हो गई, जिसकी शिकायत उनके द्वारा दस्तावेजों, सबूत, गवाहों एवं आरोपों के विडियों रिकार्डिग के साथ पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से की गई है। उनकी शिकायत की जांच सक्ती थाना प्रभारी द्वारा की जा रही है।

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