राजेन्द्र राठौर@जांजगीर-चांपा. जीवनदायिनी हसदेव नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने छग कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत हसदेव जनयात्रा चला रहे हैं, जिसका आगाज 14 फरवरी को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में हुआ। यात्रा के पहले दिन जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान डॉ. महंत समेत सभी लोगों ने हसदेव नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने हुंकार भरी। यह जनयात्रा 24 फरवरी तक चलेगी। यात्रा का समापन जांजगीर-चांपा जिले में हसदेव नदी के संगम स्थल पर होगा।

हसदेव के उद्गम व संगम को रमणीय बनाने प्रयास
हसदेव जनयात्रा के उद्गम स्थल मेण्ड्रा से प्रारंभ होने पर डॉ. महंत ने कहा है कि सोनहत से 8 किलोमीटर दूर बसा यह गांव मेण्ड्रा बहुत ही वीरान था। यहां लोगों की आहट तक सुनाई नहीं पड़ती है। नक्सलियों की आहट से इंकार नहीं किया जा सकता था। इस क्षेत्र के महत्व को जानकर इसे रमणीय स्थल बनाने के लिए उनके द्वारा शिव मंदिर व सामुदायिक भवन का निर्माण अपने सांसद कार्यकाल में कराया गया। अब यहां और भी विकास एवं कार्य कराने की संभावना तलाश कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराया जाना है। डॉ. महंत कहते हैं कि हसदेव क्षेत्र को बचाए जाने और रमणीय बनाए जाने के उद्देश्य से ही हाथी अभ्यारण्य बनाकर हसदेव-अरण्य क्षेत्र में वनों की कटाई व खुलने वाले खदानों से आमजनों को होने वाले नुकसान से रोकना और हसदेव के संगम स्थल ग्राम देवरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
डॉ. महंत ने जनयात्रा के जरिए दिखाई अपनी ताकत
छत्तीसगढ़ कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. महंत राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी माने जाते हैं। वे कई मर्तबा विधायक, मंत्री और सांसद निर्वाचित होकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी कार्यकुशलता की वजह से ही पार्टी हाईकमान ने उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी है। वैसे तो डॉ. महंत के सक्ती विधानसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा जोरशोर से चल रही है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए जांजगीर-चांपा सीट से उनके चुनाव मैदान में उतरने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता। चर्चा इस बात की भी है कि हसदेव जनयात्रा के जरिए डॉ. महंत अपनी ताकत दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। खैर बात चाहे जो भी हो, लेकिन जीवनदायिनी हसदेव नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर पहली बार किसी बड़े नेता ने शंखनाद किया है।
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