जांजगीर-चांपा. चेंबर ऑफ कामर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं के नगर संयोजक जगदीश प्रसाद बंसल के खिलाफ सक्ती पुलिस ने जमीन से संबंधित एक मामले में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है, लेकिन अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि पुलिस को जमीन की रजिस्ट्री के मूल दस्तावेजों की जरूरत है, जिसके आधार पर ही आरोपी की गिरफ्तारी होनी है, लेकिन उपपंजीयक कार्यालय सक्ती से पुलिस को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। वहीं जिला पंजीयक ने मामले की फाइल ही दबा दी है। ऐसे में धोखाधड़ी का आरोपी खुलेआम घूम-फिर रहा है।
उल्लेखनीय है कि सक्ती एसडीएम इंद्रजीत बर्मन ने बीते सात फरवरी को सक्ती तहसीलदार बी एक्का को एक पत्र जारी किया था, जिसमें एसडीएम ने कहा था कि सक्ती तहसील के अंतर्गत पोरथा-डोंगिया स्थित भूमि खसरा नंबर 390/2 रकबा 0.60 डिसमिल व खसरा नंबर 390/3 रकबा 0.50 डिसमिल की शिकायत मिलने पर जांच की गई। जांच में सक्ती के वार्ड नंबर 11 निवासी क्रेता जगदीश प्रसाद बसंल पिता स्व. रामफल बंसल तथा विक्रेता पोरथा-डोंगिया निवासी नत्थूराम पिता गौतम सतनामी व इसी गांव के मोजेलाल पिता बिसाहूराम सतनामी द्वारा झूठा घोषणा पत्र तैयार कर शासन को दो लाख 20 हजार रुपए का चूना लगाया गया है। एसडीएम ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि इस मामले में हल्का पटवारी ने प्रतिवेदन दिया है, जिसके मुताबिक उक्त भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग-49 से लगी भूमि है। भूमि का रजिस्ट्री शुल्क 2015-16 में मुख्य मार्ग पर 46 मीटर तक गाइड लाइन के अनुसार 90 लाख छह हजार प्रति हेक्टेयर की दर से देना था, किन्तु झूठा घोषणा पत्र तैयार कर असिंचित दर 20 लाख 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से जमा किया गया है। इस संबंध में उपपंजीयक सक्ती से आवेदन लिया गया। उपपंजीयक ने गणना कर जानकारी दी कि खसरा नंबर 390/2 में एक लाख 20 हजार 772 रुपए तथा खसरा नंबर 390/3 में एक लाख 350 रुपए की शासन को क्षति हुई है, जिसके आधार पर एसडीएम ने तहसीलदार को मामले में एफआईआर दर्ज कराने कहा। एसडीएम के निर्देश पर सक्ती तहसीलदार बी एक्का ने उक्त मामले में एफआईआर दर्ज करने संबंधी आवेदन सक्ती थाने में प्रस्तुत किया, जिस पर पुलिस ने जगदीश प्रसाद बसंल, नत्थूराम सतनामी व मोजेलाल सतनामी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया है। सक्ती थाने में एफआईआर दर्ज हुए एक सप्ताह गुजर गए हैं, लेकिन मुख्य आरोपी जगदीश प्रसाद बंसल समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि सक्ती पुलिस ने उपपंजीयक से रजिस्ट्री संबंधी मूल दस्तावेज मांगे हैं, लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देशों का हवाला देकर उपपंजीयक द्वारा वांछित दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इस वजह से इस मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है। इधर, धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी जगदीश प्रसाद बंसल बड़े आराम से शहर सहित आसपास के शहरों में घूम रहा है। हद की बात तो यह है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर थाने में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज होने के बाद भी वह खुद को निर्दोष तथा सक्ती एसडीएम को गलत ठहरा रहा है।
जिला पंजीयक ने दबाई फाइल
बताया जा रहा है कि सक्ती पुलिस ने रजिस्ट्री से संबंधित मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए सक्ती के उपपंजीयक को सप्ताहभर पहले पत्र लिखा था, लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देश का हवाला देकर उपपंजीयक ने मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया, तब सक्ती पुलिस ने अपने उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा। वहीं सक्ती एसडीएम ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जिला पंजीयक के जरिए वांछित दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिस पर कलेक्टर ने जिला पंजीयक को पत्र लिखकर सक्ती पुलिस को वांछित दस्तावेज शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिला पंजीयक को वांछित दस्तावेज शीघ्र ही सक्ती पुलिस को उपलब्ध कराना चाहिए था, लेकिन वे इस मामले की फाइल को दबाकर बैठी हुई हैं। इस वजह से सक्ती पुलिस आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रही है।
दौरे का बहाना बनाकर गायब
जिला पंजीयक इस मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं। संभवत: यही वजह है कि उनके द्वारा सक्ती पुलिस को वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने में हीला-हवाला किया जा रहा है। आपको बता दें कि मुक्तिधाम संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को मोबाइल पर उनसे कई बार संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। मोबाइल से संपर्क नहीं होने पर मुक्तिधाम संरक्षण समिति के पदाधिकारी जब उनके कार्यालय पहुंचे तो वहां मौजूद स्टॉफ से पता चला कि वे अकलतरा और पामगढ़ के दौरे पर जाने की बात कहकर निकली हंै। इस दौरान यह भी पता चला कि सक्ती मामले से संबंधित नोटशीट तैयार करने के संबंध में जिला पंजीयक ने अपने स्टॉफ को कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए हंै। संंबंधित शाखा के लिपिक ने यह भी बताया कि जिला पंजीयक यदि निर्देश दें तो चंद मिनिट में नोटशीट तैयार हो जाएगा।
दो दिन अनावश्यक विलंब
इस मामले से संबंधित नोटशीट जिला पंजीयक द्वारा यदि शुक्रवार को तैयार कर कलेक्टर के समक्ष पेश कर दी जाती तो इसी दिन नोटशीट पर कलेक्टर के दस्तखत हो जाते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। शनिवार और रविवार अवकाश है। ऐसी स्थिति में इस मामले की नोटशीट अब सोमवार को ही तैयार हो सकती है। कुल मिलाकर जिला पंजीयक की उदासीनता से दो दिन का अनावश्यक विलंब हुआ है। बताया जा रहा है कि मामले का मुख्य आरोपी जगदीश प्रसाद बंसल स्टाम्प वेंडर है, जिसके कारण जिला पंजीयक और उपपंजीयकों से उसकी तगड़ी सांठगांठ है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजीयन विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रश्रय दिया जा रहा है। वहीं जिलेभर में इस बात की चर्चा भी जोरशोर से चल रही है कि मुख्य आरोपी जगदीश प्रसाद बंसल ने मामला रफा-दफा करने में सहयोग करने पंजीयन विभाग के अधिकारियों को मोटी रकम दी है।
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