जांजगीर-चांपा. मसीही समाज का दुख भोग सप्ताह एवं पुनरूत्थान पर्व रविवार से प्रारंभ हो गया है, जो आगामी एक अप्रैल तक चलेगा। पर्व के पहले दिन रविवार को मेनोनाइट चर्च जांजगीर से सुबह साढ़े आठ बजे खजूर रविवार बच्चों की रैली निकाली गई। इसके बाद प्रभु यीशु की आराधना हुई। जवान सभा एवं सण्डे स्कूल का संचालन पादरी पी. दीप द्वारा किया गया। वहीं प्रशांत मसीह प्रमुख वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
इस दौरान बताया गया कि पाम सण्डे इसलिए मनाया जाता है कि इस दिन प्रभु यीशु मसीह की मरूशलेम में आगमन की खुशी में लोग खजूर की डालियां लेकर एवं अपने कपड़े चादर मार्ग में बिछाते हुए होसन्ना होसन्ना के नारे लगाते हुए यीशु मसीह का स्वागत करते हैं। प्रभु यीशु मसीह गदही के बच्चे पर बैठकर यरूशलेम में सृष्टिकर्ता यहोवा की योजना को पूरा करने के लिए आए। योजना यह थी कि सारे सांसर के लोग यीशु मसीह पर विश्वास लाए और अनंत जीवन अर्थात् मोक्ष की प्राप्ति करें। ऐसा आयोजन प्रतिवर्ष लोगों के बीच मृत्युंजय प्रभु यीशु मसीह के यरूशलेम प्रवेश को प्रचारित करते हैं।
खजूर की डालियां लेकर रैली के माध्यम से लोगों के मध्य यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया गया कि सृष्टिकर्ता परमेश्वर की योजना जो मनुष्य के अनंत जीवन अर्थात् मोक्ष की रेखा उसकी प्रतिपूर्ति के लिए यीशु मसीह इस संसार में जन्म लिए और इन दिनों में यरूशलेम में प्रवेश किया, ताकि उसकी योजना जो मोक्ष के लिए तैयार की गई है, वह पूरी हो सके। मेनोनाइट चर्च में वक्ता के रूप में प्रशांत मसीह रायपुर से पहुंचे हुए हैं और इस पूरे सप्ताह अपने संदेशों के माध्यम से बाइबल के वचनों का प्रचार करेंगे। पास्टर दीप ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में कलिसिया उपस्थित थीं।
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