रविवार, 25 मार्च 2018

वकीलों के लिए खुशखबर! काला कोट पहनने से छूट, स्टेट बार कौंसिल ने दी गर्मी में काले कोट के उपयोग से राहत

जांजगीर-चांपा. तपा देने वाली गर्मी में भी काले कोट पहनकर न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं के लिए खुशखबरी है। स्टेट बार कौसिंल ऑफ  छग ने काला कोट पहनने में छूट दी है, जिससे अधिवक्ताओं को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि तेज गर्मी में भी वकीलों को कोट पहनकर न्यायालय में उपस्थित होना पड़ता था। 

गर्मी के चलते अधिवक्ताओं को परेशानी भी होती थी, जिसके कारण ही स्टेट बार कौसिंल ऑफ  छग से अधिवक्ताओं ने राहत दिलाने की मांग रखी थी। इस पर एक अप्रैल से 15 जुलाई तक कोट पहनने में छूट दी गई है। गर्मी से मिलेगी राहत ग्रीष्मकालीन के दौरान भी न्यायालय में अधिवक्ताओं को कोट पहनकर उपस्थित होना पड़ता था, लेकिन छूट मिलने से कोट अनिवार्य नहीं है। यानी ग्रीष्मकालीन के दौरान सभी अधिवक्ताओं को गर्मी से काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में न्यायालय आने वाले अधिवक्ताओं को ड्रेस कोड के साथ उपस्थित हो रहे हैं। गर्मी बढऩे से अधिवक्ताओं की परेशानी अभी से बढ़ गई है, जिसके कारण संघ ने गर्मी में काले कोट से छूट की मांग की थी।


एक अप्रैल से होगा लागू

न्यायालय में अधिवक्ता एक अप्रैल से बगैर काला कोट के ही पैरवी व अन्य कार्य कर सकेंगे। गर्मी को लेकर स्टेट बार कौसिंल आफ  छग ने अधिवक्ताओं को 15 जुलाई तक छूट दी है। यानी तपा देने वाली साढ़े तीन महीने की गर्मी में अधिवक्ता न्यायालय में काले कोट पहने नजर नहीं आएंगे। भारतीय विधि परिषद दिल्ली द्वारा ड्रेस कोड के संबंध में पारित नियम के अधिन व अधिवक्ता अधिनियम 1961 के नियम अनुसार अधिवक्तााओं को यह छूट 

तापमान 40 के करीब पहुंचा

मार्च के महीने में ही दिन का तापमान 36 डिग्री पार हो चुका है। गर्मी हर दिन बढ़ रही है। इस महीने के अंत तक अधिकतम तापमान में कम से कम दो डिग्री की बढ़ोतरी और संभावित है। अप्रैल में तो यहां का पारा 42 डिग्री तक पहुंच जाता है। ऐसे में काले कोट के साथ काम कर पाना वकीलों के लिए बहुत ही मुश्किल होता है। स्टेट काउंसिल से दी गई राहत के बाद अधिवक्ताओं को राहत मिलेगी।

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