राजेंद्र राठौर@जांजगीर-चांपा. आधुनिकता के इस दौर में जहां महानगरों की बड़ी-बड़ी इमारतों में सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की दुकानें खुली हुई हो और लोग वहां एसी की ठंडी हवा में बैठकर सामग्री खरीददारी करने में गर्व महसूस करते हों, यह अपनी जगह बेहतर हो सकता है, लेकिन ग्राम मुड़पार निवासी राजकुमार खुंटे के सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की दुकान उन दुकानों से रत्ती भर कम नहीं है। शिवरीनारायण क्षेत्र के गांवों में राजकुमार की चलती फिरती दुकान की अपनी खास पहचान है। भले ही पुरानी बाइक से लैस हाथ ठेला में ब्रांडेड सौंदर्य प्रसाधन सामग्री उपलब्ध नहीं है तो क्या हुआ, लेकिन उसके ठेले में उपलब्ध सामान ग्रामीणों की आज भी पहली पसंद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशवासियों को डिलीटल क्रांति से जोडऩे की कवायद कर रहे हैं। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन जिले में अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के बाशिदें दुनियादारी की चमक-दमक से दूर हैं। शुक्रवार की दोपहर शिवरीनारायण क्षेत्र के ग्राम सिंघुल में सडक़ किनारे खड़ी पुरानी बाइक से लैस एक ठेले पर ‘दैनिक नवीन कदम’ रिपोर्टर की नजर पड़ी। रिपोर्टर ने उत्सुकतावश जब पास जाकर देखा तो गांव की कई महिलाएं और युवतियां ठेले को चारों ओर से घेरे हुए थीं और पास में एक युवक मौजूद था, जो उन्हें सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री दिखा रहा था। महिलाएं और युवतियां बड़े चाव से सामानों को पसंद कर रही थीं। पूछताछ में पता चला कि यह ग्राम मुड़पार निवासी राजकुमार खुंटे की चलती-फिरती सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की दुकान है, जो पूरे शिवरीनारायण क्षेत्र में प्रसिद्ध है। दुकान संचालक राजकुमार से बात करने पर पता चला कि वह अपने और परिवार का पेट पालने के लिए रोजाना शिवरीनारायण क्षेत्र के गांव-गांव में घूमकर सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की चलती-फिरती दुकान चलाता है। उसने बताया कि कुछ साल पहले उसने चंद रुपए से इस दुकान की शुरूआत की थी, जो समय के साथ बढ़ता गया। उसकी दुकान में वे सभी सामग्रियां मौजूद रहती है, जो क्षेत्र की महिलाएं एवं युवतियों की पहली पसंद है। राजकुमार खुंटे ने बताया कि उसकी शादी हो गई है और वह एक बच्चे का पिता है। उसके परिवार में 15-16 सदस्य हैं, जो एक-साथ एक ही घर में रहते हैं। उसने आगे बताया कि दिन भर सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री बेचने के बाद शाम तक वह अपने गांव लौट जाता है। उसका मानना है कि महानगरों और शहरों में भले ही सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की बड़ी-बड़ी दुकानें खुल गई हैं, लेकिन शिवरीनारायण क्षेत्र के गांवों में उसकी इस चलती-फिरती दुकान की अपनी अलग पहचान है।
चार से पांच सौ रुपए का व्यवसाय
चलती-फिरती सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की दुकान चलाने वाले युवक राजकुमार ने बताया कि पहले इस व्यवसाय में अच्छी कमाई हो जाती थी, लेकिन अब व्यवसाय थोड़ा मंदा हो गया है। दिन भर गांवों में घूमने के बाद करीब चार-पांच सौ रुपए का व्यवसाय हो जाता है। उसने बताया कि आधी रकम सामग्री की लागत में निकलती है और चालीस-पचास रुपए पेट्रोल में खर्च हो जाता है। जो रकम शेष बचती है, वही उसकी दिन भर की मेहनत की कमाई है। राजकुमार ने बताया कि सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की कीमतों में लगातार वृद्धि ने उसके व्यवसाय को काफी प्रभावित किया है। फिर भी ग्रामीण इलाकों में उसकी अच्छी पूछपरख होती है।
बच्चे को बनाना चाहता है होनहार
राजकुमार ने बताया कि वह कम पढ़ा-लिखा है। वह पढऩा तो चाहता था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके कारण उसे बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ गई। वह दिन भर गांवों में घूमकर व्यवसाय करता है, लेकिन उसकी दिली तमन्ना है कि उसका बच्चा अच्छी तालीम लेकर होनहार बन सके। चर्चा में उसने बताया कि वह अपने बच्चे को खूब पढ़ाना चाहता है। इसी वजह से वह धूप, बरसात और ठंड के मौसम में बिना किसी परवाह के गांव-गांव जाकर व्यवसाय करता है। राजकुमार का कहना है कि इंसान भले ही गरीब हो तो क्या हुआ, लेकिन पढ़ा-लिखा होना चाहिए। शिक्षा के बिना जीवन व्यर्थ है।
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