बुधवार, 17 मई 2017

अंत्यावसायी के अध्यक्ष सिन्हा को बैठक से भगाया! सीएम की सुरक्षा में तैनात अफसरों से हुई तीखी नोंकझोंक

जांजगीर-चांपा. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा ली गई विभागीय समीक्षा बैठक में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संगठन मंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी वित्त विकास निगम के अध्यक्ष निर्मल सिन्हा को शामिल होने नहीं दिया गया। निगम अध्यक्ष सिन्हा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष के गेट से कक्ष के भीतर जैसे ही प्रवेश करना चाहा, ठीक वैसे ही सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी और अन्य अफसरों ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया। इस बात को लेकर काफी तू-तू, मैं-मैं भी हुई, लेकिन निगम अध्यक्ष सिन्हा की एक न चली और उन्हें वहां से उल्टे पांव लौटना पड़ गया।

दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जिले के दो दिवसीय प्रवास पर बुधवार को जिला मुख्यालय जांजगीर पहुंचे। खोखराभाठा स्थित हेलीपेड से उनका कलेक्टोरेट आगमन हुआ, जहां उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस सुबोध सिंह, कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव, जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, डीएफओ सतोविशा समाजदार एवं विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में समीक्षा बैठक ली। बैठक जैसे ही शुरू हुई, उसी समय बैठक में शामिल होने के लिए छग अंत्यावसायी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष निर्मल सिन्हा भी पहुंचे। निगम अध्यक्ष सिन्हा ने जैसे ही सभाकक्ष के भीतर प्रवेश करना चाहा, ठीक वैसे ही सीएम डॉ. रमन की सुरक्षा में गेट पर तैनात पुलिस अधिकारियों सहित अन्य प्रशासनिक अफसरों ने उन्हें रोक लिया। 

बताया जा रहा है कि वे काफी देर तक बैठक में शामिल होने की जिद करते रहे, लेकिन अफसरों के आगे उनकी एक न चली। करीब पांच से दस मिनट तक निगम अध्यक्ष सिन्हा और अफसरों के बीच काफी नोंक-झोंक हुई। बावजूद इसके बात न बनी। ऐसे में अपनी किरकिरी होता देख निगम अध्यक्ष सिन्हा को आखिरकार वहां से पतली गली से निकलना पड़ गया। इसके बाद वे बैठक के अंत तक आसपास नजर भी नहीं आए। जानकारों की मानें तो निगम अध्यक्ष सिन्हा के खिलाफ कई अपराधिक मामले चल रहे हैं। एक मामले में पुलिस अधिकारी पिछले कुछ माह से छानबीन कर रहे हैं। संभवत: इसी वजह से उन्हें सीएम की बैठक से दूर रखे जाने की बात सामने आ रही है। बहरहाल, निगम अध्यक्ष सिन्हा ने इस मसले पर मीडिया से किसी भी तरह की चर्चा नहीं की। मगर ऐसा पहली बार हुआ है, जब उनकी खूब किरकिरी हुई है।

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