बुधवार, 5 जुलाई 2017

नि:शक्तता प्रमाण पत्र के लिए नहीं आना पड़ेगा जिला अस्पताल, डभरा में आयोजित शिविर में 800 से अधिक लोगों ने करवाया पंजीयन

डभरा. दिव्यांगों की सुविधा के लिए कलेक्टर डॉ. एस ंभारतीदासन के मार्गनिर्देशन में विकासखण्ड स्तर पर नि:शक्तता प्रमाण पत्र बनाने के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है। दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब जिला अस्पताल तक नहीं आना पड़ेगा। प्रथम शिविर का आयोजन बुधवार को विकासखण्ड मुख्यालय डभरा के सांस्कृतिक भवन में किया गया।

विकासखण्ड स्तरीय शिविर में 800 से अधिक दिव्यांगों का शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र एक सप्ताह के बाद ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से वितरित करने की भी व्यवस्था की गई है। जिला पंचायत सदस्य पितांबर पटेल, जनपद अध्यक्ष टुकेश्वरी मनोज पटेल, कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही जयप्रकाश, एसडीएम डभरा रीता यादव सहित विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी विशेषज्ञ चिकित्सक शिविर में उपस्थित थे। कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ ने उपस्थित ग्रामीणों, विशेषज्ञ चिकित्सकों व उपस्थित जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर शिविर का जायजा लिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही जयप्रकाश ने बताया कि क्षेत्र के 800 से अधिक लोगों ने शिविर में पंजीयन करवाया है। पंजीयकृत लोगों का शारीरिक-स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में हड्डी, कान-नाक-गला, नेत्र व शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा पंजीकृत लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
 

जनप्रतिनिधि रहे नदारद, अफसर दिखे सक्रिय

बुधवार को डभरा के सांस्कृतिक भवन में आयोजित ब्लाक स्तरीय दिब्यांग शिविर में दिब्यांगों ने प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए बढ़-चढक़र आवेदन किया। इस दौरान गौर करने वाली बात यह रही कि क्षेत्र के अधिकांश जनप्रतिनिधि शिविर में नहीं दिखे, जबकि जनपद पंचायत सीईओ नितेश कुमार उपाध्याय शिविर को सफल बनाने जी-तोड़ मेहतन करते नजर आए। वहीं जनपद पंचायत क्षेत्र के सरपंच-सचिव भी अपने-अपने ग्रामों से दिब्यांगों को खोज-खोज कर लाए थे तथा सभी को आवेदन करने में मदद करते नजर आए। डभरा एसडीएम रीता यदव भी दिब्यागों की मदद करने से पीछे नहीं हटीं। उन्होने सभी कर्मचारियों को हिदायत देते हुए कहा कि एक भी दिब्यांग छुटना नहीं चाहिए। सभी का आवेदन जमा हो तथा उनका विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि  किसी दिब्यांग को परेशानी का सामना करना ना पड़े। शिविर में जनपद के कर्मचारी दिन भर लगे रहे और शिविर को सफल बनाने हर संभव प्रयास किया।

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