जांजगीर. भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा बारहवां नवलेखन पुरस्कार समारोह 27 जून की शाम नई दिल्ली में इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर हाल में आयोजित किया गया। इस दौरान श्रद्धा थवाईत को उनके कहानी संग्रह हवा में फडफ़ड़ाती चिट्ठी एवं घनश्याम देवांश को कविता संग्रह आकाश में देह के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया।
दोनों पुरस्कृत रचनाकारों को मुख्य अतिथि एवं संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष एवं मशहूर कलाकार शेखर सेन के करकमलों द्वारा वाग्देवी की प्रतिमा एवं पचास हजार रुपए के चेक से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ के रचनाकार को पहली बार प्राप्त हुआ है। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित श्रद्धा थवाईत जांजगीर की हैं। वह सत्येंद्र कुमार चौरसिया की बड़ी बेटी हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक हवा में फडफ़ड़ाती चिट्ठी अपने पापा सत्येंद्र, मम्मी शीला, अपने पति रवि और बेटे नमन को समर्पित की है। उनके कहानी संग्रह का चयन भारतीय ज्ञानपीठ के निर्णायक मंडल द्वारा सर्वसम्मति से इसके लिए प्राप्त पचास पांडुलिपियों में से किया गया था। निर्णायक मंडल के अध्यक्ष विष्णु नागर एवं सदस्य मधुसूदन आनंद एवं ओम निश्चल थे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गौहर रजा, भारतीय ज्ञानपीठ के अध्यक्ष लीलाधर मंडलोई, आजीवन ट्रस्टी अपराजिता जैन महाजन, प्रबंध न्यासी साहू अखिलेश जैन एवं अन्य वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे।
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