बुधवार, 20 सितंबर 2017

मालखरौदा के बाद अब जांजगीर में तहसीलदार का विरोध, अधिवक्ता संघ ने तहसील न्यायालय का किया अनिश्चितकालीन बहिष्कार

जांजगीर-चांपा. मालखरौदा के बाद अब जिला अधिवक्ता संघ जांजगीर ने तहसीलदार की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर उनके न्यायालय का अनिश्चितकालीन बहिष्कार शुरू किया है। जिला अधिवक्ता संघ द्वारा स्थानीय तहसीलदार शशि चौधरी के स्थानांतरण होते तक उनके न्यायालय में कार्य नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

संघ ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार चौधरी द्वारा अपने न्यायालयीन कर्तव्यों व दायत्विों का उचित ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है तथा वे अपने अधिकारों तथा कर्तव्यों का दुरूपयोग करते हुए कानूनी प्रक्रियाओं का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। प्रकरणों में मनमाने ढंग से कार्रवाई की जा रही है। अधिवक्ताओं व पक्षकारों के साथ उनका व्यवहार ठीक नहीं है। अधिवक्ताओं द्वारा कोई भी प्रकरण प्रस्तुत करते समय उल-जुलूल तरीके से बात की जाती है और विधि तथा नियमानुसार कार्य न करते हुए जो करना है कर लो, जहां शिकायत करना है कर लो, तक कहा जाता है। इन बातों से क्षुब्ध होकर अधिवक्ता संघ द्वारा कलेक्टर को तहसीलदार के स्थानांतरण के संबंध में ज्ञापन दिया गया था, जिस पर कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध होकर जिला अधिवक्ता संघ ने बैठक कर तहसीलदार न्यायालय जांजगीर का बहिष्कार करने का निर्णय लिया तथा उनके न्यायालय में उनके स्थानांतरण होने तक कार्य नहीं करने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया है। अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकाल तक तहसीलदार के न्यायालय में कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता रामखिलावन राठौर ने बताया कि संघ के आह्वान पर तहसील न्यायालय में अधिवक्ताओं द्वारा कामकाज नहीं किया जा रहा है। तहसीलदार का स्थानांतरण नहीं होते तक उनके न्यायालय में अधिवक्ता काम नहीं करेंगे।

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