शनिवार, 9 दिसंबर 2017

नेशनल लोक अदालत में 281 प्रकरण हुए निराकृत, एक करोड़ 34 लाख 83919 रूपए का समझौता अवार्ड पारित

जांजगीर-चांपा. जिला न्यायालय में शनिवार 9 दिसम्बर को आयोजित वर्ष की पांचवीं और अंतिम नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों के 281 प्रकरण निराकृत हुए। वहीं एक करोड़ चौंतीस लाख तिरासी हजार 919 रुपए का समझौता अवार्ड पारित हुआ। जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलन कर नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया।

इसके बाद कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एके ध्रुव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संघरत्ना भत्पहरी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूजा जायसवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उदयलक्ष्मी सिंह परमार, न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्विनी चतुर्वेदी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शुभदा गोयल तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अजय केशरवानी द्वारा भी दीप प्रज्जवलन किया गया। प्राधिकरण की सचिव शुभदा गोयल ने बताया कि प्रकरणों के समुचित निराकरण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के निर्देशन में जिला न्यायालय में कुल पांच तथा कुटुम्ब न्यायालय में एक खण्डपीठ का गठन किया गया था। इनके अतिरिक्त तालुका स्तर पर तालुका विधिक सेवा समिति सक्ती में तीन, तालुका विधिक सेवा समिति चांपा, पामगढ़, जैजैपुर, अकलतरा, डभरा और मालखरौदा में एक-एक खण्डपीठ का गठन किया गया था। इस प्रकार पूरे जिले में कुल 15 खण्डपीठों का गठन किया जाकर यह प्रयास किया गया कि अधिक से अधिक प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकृत कर पक्षकारों को लाभान्वित किया जा सके। 

प्राधिकरण की सचिव शुभदा गोयल ने आगे बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशन में पूरे देश में नौ दिसम्बर को आयोजित वर्ष 2017 की यह पांचवीं नेशनल लोक अदालत थी, जिसमें जिले की अदालतों से राजीनामा योग्य अपराध के 154, चेक अनादरण के 17 तथा मोटर दुर्घटना दावा के 16 प्रकरणों में समझौता अवार्ड राशि छत्तीस लाख चौबीस हजार रुपए, वैवाहिक विवाद के 28, विद्युत संबंधी 32, अन्य सिविल वाद के 33 सहित कुल 281 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इनके अतिरिक्त 196 प्री-लिटिगेशन आवेदनों का निराकरण करते हुए चौदह लाख अंठानबे हजार 91 रुपए का समझौता अवार्ड पारित किया गया। ये प्री-लिटिगेशन आवेदन विभिन्न बैंकों एवं छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए थे। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के दौरान जिला न्यायाधीश स्वयं न्यायालयों के पक्षकारों के बीच उन्हें समझाने पहुंचे। वहीं कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एके धु्रव की समझाइश पर वैवाहिक विवाद के 28 प्रकरण राजीनामा आधार पर निराकृत हुए। फास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य द्वारा नेशनल लोक अदालत में सतत् मानीटरिंग का कार्य किया गया। 

लोक अदालत की प्रमुख झलकियां

कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश की समझाइश पर परिवार न्यायालय के 12 मामलों में दम्पति विवाद भूलकर साथ रहने तैयार हुए।
16 मामलों में उभयपक्षों के मध्य भरण-पोषण राशि पर सहमति बनी।
मोटरदुर्घटना दावा प्रकरण में आवेदक मृतक स्व. संदीप कुमार राठौर के वृद्ध माता-पिता को अनावेदक इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड आठ लाख पचास हजार रुपए का भुगतान करेगी।
नेशनल लोक अदालत में सक्ती की द्वितीय अतिरिक्तजिला न्यायाधीश वंदना दीपक देवंागन की पहल पर उभयपक्ष में सहमति बनी।

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