गुरुवार, 29 जून 2017

पोरथा के सरपंच ने पांच-पांच हजार जमा कराकर किराए पर दे दी दुकानें, दुकानों से किराया बतौर मिल रही राशि का कोई हिसाब नहीं

सक्ती. ग्राम पंचायत पोरथा के सरपंच की मनमानी चरम पर है। सरपंच ने ग्राम पंचायत पोरथा के आश्रित ग्राम डोंगिया में अटल बाजार योजना के तहत निर्मित कुछ दुकानों को नियम-कायदों को ताक पर रखकर अपनी जेब भरने के लिए पांच-पांच हजार रुपए जमा करवाकर लोगों को किराए पर दे दी है। किराया बतौर हर माह मिल रही राशि का कोई हिसाब-किताब नहीं है।

जानकारी के अनुसार, जनपद पंचायत सक्ती अंतर्गत ग्राम पंचायत पोरथा के आश्रित ग्राम डोंगिया में लगभग चार साल पहले अटल बाजार योजना के तहत 12 दुकानों का निर्माण करवाया गया था। योजना के तहत निर्मित दुकानों को लेने के लिए कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया, जिसका खुलासा जनपद कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेज से हुआ है। मगर असल में योजना के तहत निर्मित तीन दुकानें पिछले दो वर्षों से संचालित हो रही हैं। इन दुकान संचालकों से पूछे जाने पर बताया गया कि उनके द्वारा सरपंच श्याम कुमार राठौर को पगड़ी स्वरूप 5-5 हजार रुपए नगद एवं 200 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से किराया दिया जा रहा है। राशि लेने के बाद सरपंच ने उन्हें किसी प्रकार की रसीद नहीं दी है न ही मासिक किराया की रसीद दी जा रही है।  वहीं जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा अटल बाजार नीलामी के लिए 8 अगस्त 2016 को नियम शर्तों के तहत पगड़ी राशि 10 हजार रुपए एवं दुकान का मासिक किराया एक हजार रुपए न्यूनतम शासकीय बोली रखी गई थी। नीलामी बोली में शर्त रखी गई थी कि मासिक किराया भुगतान 1 से 5 तारीख तक नहीं करने की स्थिति में 6 से 10 तारीख तक अनुकंपा अवधि रखी जाएगी। उसके बाद भी किराया जमा नहीं करने पर 15 तारीख से प्रतिदिन 5 रुपए की दर से आर्थिक किराया के साथ राशि वसूले जाने का आदेश पारित किया गया था। इसके बाद भी दुकान आबंटित कराने वाले व्यक्ति द्वारा राशि जमा नहीं की जाती है तो जनपद पंचायत द्वारा ताला बंद कर अपने आधिपत्य में लेकर पुन: नीलामी की शर्त रखी गई थी। 

योजना के तहत निर्मित 12 दुकानों के आबंटन में अनुसूचित जाति दुकान नंबर 1 एवं 4 तथा अनुसूचित जनजाति को 3 और 6, अन्य पिछड़ा वर्ग को 2 और 5 तथा अनारक्षित वर्ग के लिए दुकान नंबर 7, 8, 9, 10, 11 एवं 12 निर्धारित की गई थी, लेकिन कोई भी व्यक्ति नीलामी बोली में शामिल नहीं हुआ। इस वजह से  जनपद पंचायत से किसी प्रकार का दुकान आबंटन करने के लिए किसी भी व्यक्ति को निर्देश जारी नहीं किया गया, परंतु ग्राम पंचायत पोरथा के सरपंच द्वारा नियम एवं शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने नियम-कानून के हिसाब से 1, 2 एवं 3 नंबर की दुकान को 5-5 हजार रुपए पगड़ी लेकर 2 वर्षों से किराया पर दे दिया गया है। पगड़ी राशि तथा किराया बतौर मिलने वाली राशि का किसी प्रकार का हिसाब-किताब नही है और न ही दुकान आबंटन की जानकारी जनपद पंचायत सक्ती के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दी गई है। 

इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा ग्राम पंचायत पोरथा में नवनिर्मित अटल व्यवसायिक की दुकानों को अब तक किसी को आवंटित नहीं किया गया है। सरपंच द्वारा अगर दुकान आबंटन कर दुकान संचालित करवाया जा रहा है तो वह गलत है। उनका कहना है कि मौके पर जाकर जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव खेमचरण राठौर द्वारा दूरभाष से जानकारी दी गई कि दुकान आबंटन के संबंध में 5-5 हजार रुपए की राशि का चैक एक्सिस बैंक के माध्यम से दिया गया है। किराया के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। 

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