संस्थान के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
जांजगीर-चांपा. बिलासपुर जिले के कोटा में संचालित सीवी रामन यूनिवर्सिटी तथा प्रदेश भर में संचालित इस यूनिवर्सिटी के अध्ययन केन्द्रों के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता दीपक दुबे एवं जिलाध्यक्ष सुनीता दुबे ने प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर यूनिवर्सिटी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राकांपा नेताओं का आरोप है कि सीवी रामन यूनिवर्सिटी द्वारा अपने अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से फर्जी मार्कशीट जारी कर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता दीपक दुबे एवं जिलाध्यक्ष सुनीता दुबे ने बिलासपुर संभागायुक्त के माध्यम से शासन-प्रशासन को भेजे ज्ञापन में कहा है कि बिलासपुर जिले के कोटा में संचालित सीवी रामन यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी अंकसूची जारी कर घालमेल किया जा रहा है। इस यूनिवर्सिटी के संचालक ने बिना मान्यता के पूरे प्रदेश में पाठ्यक्रम संचालित कर विद्यार्थियों को फर्जी मार्कशीट जारी किया है। यूनिवर्सिटी ने छात्र-छात्राओं को गुमराह करते हुए उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
राकांपा नेताओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने फर्जी अंकसूची जारी करने की स्वीकारोक्ति की है। ऐसे में यूनिवर्सिटी संचालक पर अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। साथ ही पूरे प्रदेश में संचालित इनके अध्ययन केन्द्रों में शीघ्र तालाबंदी हो। अन्यथा राकांपा 12 अप्रैल को उग्र आंदोलन करेगी। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि यूनिवर्सिटी संचालक द्वारा 50 हजार से दो लाख रुपए तक शुल्क बतौर लेकर विभिन्न पाठ्यक्रमों का डिप्लोमा व डिग्रियां दी जा रही है। हाल ही में हुए खुलासे के बाद सीवी रामन यूनिवर्सिटी द्वारा बांटे जा रहे डिप्लोमा और डिग्रियों के फर्जी होने के प्रमाण मिले हैं। सीवी रामन यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड व डीएड पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए दूरवर्ती शिक्षा से मान्यता जरूर ली गई थी, लेकिन उसकी मान्यता 18 जनवरी 2017 को रद्द हो गई है। इसके बावजूद, यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड व डीएड में प्रवेश देकर विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि इस यूनिवर्सिटी द्वारा बीए, बीएससी के साथ बीएड के चार वर्षीय नियमित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके लिए नेशनल अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेनी पड़ती है, लेकिन इस संस्थान की बीते 4 नवंबर 2016 को मान्यता रद्द कर दी गई है। इसके बावजूद प्रवेश व डिग्रियां बांटकर रकम ऐंठी जा रही है। यूनिवर्सिटी द्वारा पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों को फर्जी मार्कशीट जारी कर गांव-गांव में एक कमरे के स्कूल, महाविद्यालय चलाया जा रहा है।
अब तक हुए खुलासे से यह बात स्पष्ट हुआ है कि फर्जी मार्कशीट का पूरा खेल होलोग्राम को लेकर खेला जा रहा है। असली और नकली मार्कशीट एक समान ही रहता है, लेकिन फर्जी मार्कशीट में होलोग्राम नहीं रहता। यह बात आम छात्रों को समझ में नहीं आती। फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे में सीवी रामन यूनिवर्सिटी साल में करीब ढाई सौ करोड़ रुपए का व्यापार कर रही है। इसके लिए बड़े-बड़े सेलिब्रेटी और मीडिया को भी विश्वास में लिया गया है, ताकि यूनिवर्सिटी का कोई विरोध न कर सके।
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