बलौदा. नगर पंचायत बलौदा ने दो सहायक शिक्षक पंचायत को उच्च न्यायालय के आदेश के तीन साल बाद भी पदोन्नति नहीं दी है। इसके कारण पीडि़त पक्ष धरना-प्रदर्शन करने मजबूर है। धरना दे रही शिक्षाकर्मियों को मनाने शुक्रवार को तहसीलदार और सीएमओ पहुंचे थे, लेकिन बात नहीं बनी और आगे भी उनके द्वारा धरना दिए जाने की बात कही गई।
नगर पंचायत बलौदा में अंजना श्रीवास और यामिनी मिश्रा सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर पदस्थ हैं। दोनों प्रमोशन की अवधि पूर्ण कर चुकी हैं। इनके लिए पद भी नगर के दो स्कूलों में रिक्त है। इसके बावजूद इन्हें अब तक प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2014 में उच्च न्यायालय में प्रमोशन के लिए इनके द्वारा याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने दोनों का प्रमोशन तीन माह के भीतर करने का आदेश 13 फरवरी 2014 को दिया, लेकिन तीन साल बाद भी उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो सका, तब याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का आदेश की कापी के साथ नगर पंचायत में कई बार आवेदन किया, लेकिन इसकी अनदेखी की गई।
ऐसे में याचिकाकर्ता अपने पक्ष में आदेश होने के बाद भी भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में इनके द्वारा लोक सुराज अभियान, कलेक्टर जनदर्शन में भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों को हाईकोर्ट के आदेश की कोई परवाह नहीं है। इससे परेशान दोनों शिक्षाकर्मियों ने 5 अप्रैल से ब्लाक कार्यालय बलौदा के सामने धरना प्रदर्शन शुरू किया है। शुक्रवार को इन्हें समझाने तहसीलदार और सीएमओ पहुंचे। दोनों ने उन्हें अपने ढंग से समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। भीषण गर्मी में भी दोनों महिला शिक्षाकर्मी लगातार धरने पर बैठी हुई हैं।
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