डभरा. ग्राम पंचायत खैरा के निस्तारी तालाब के आसपास ग्राम पंचायत रामभांठा की भूमि पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से राखड़ डलवाया जा रहा है। तालाब के आसपास डाले गए राखड़ तेज आंधी-तूफान से उडक़र तालाब के पानी में घुल रहा है। स्थानीय प्रशासन ने यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आगामी दिनों में ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
जानकारी के अनुसार, डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरा के निस्तारी तालाब के आसपास स्थित ग्राम पंचायत रामभांठा की भूमि में संतोष कुमार चंद्रा द्वारा अवैध रूप से एक पॉवर प्लांट से निकले राखड़ को डंप कराया जा रहा है, जिसके लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। वह अनुमति लिए बगैर ही राखड़ डंप करवा रहे हैं। रामभांठा के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिनों से चल रहे अंधड़ से राखड़ उडक़र निस्तारी तालाब के पानी में घुल रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी बरसात के दिनों में राखड़ बहकर तालाब के पानी में मिलेगा, जिससे तालाब का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो सकता है और इससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने की आशंका है। ग्राम पंचायत रामभांठा के ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डभरा को ज्ञापन सौंपकर इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
लोक सुराज में भी उठा मुद्दा
ग्राम पंचायत रामभांठा और खैरा के ग्रामीणों ने इस मुद्दे को प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के दौरान प्रशासनिक अफसरों के समक्ष जोरशोर से उठाया था। ग्रामीणों ने सुराज अभियान के तहत आयोजित शिविर में दिए आवेदन में कहा था कि ग्राम पंचायत रामभांठा के सरपंच एवं पंचों ने इस पर आपत्ति जताते हुए संबंधित व्यक्ति को तालाब के किनारे राखड़ डंप कराने से मना किया गया था। इसके बावजूद, तालाब के आसपास की भूमि में राखड़ डंप किया जा रहा है। रामभांठा के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने इस मामले में शीघ्र उचित कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
एसडीएम ने नहीं की कार्यवाही
ग्राम पंचायत रामभांठा के सरपंच एवं पंचों ने 29 अप्रैल को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डभरा को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था, जिसके जरिए उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी दी गई थी। ज्ञापन को प्राप्त करने के बाद एसडीएम ने छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत संतोष चंद्रा को नोटिस जारी करने का फरमान संबंधित अधिकारी को जारी किया था। नोटिस के जरिए संबंधित को सात दिनों की मोहलत देने की बात कही गई थी, लेकिन इस मामले में एसडीएम ने संबंधित के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
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