मंगलवार, 30 मई 2017

प्रेसवार्ता लेने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री तो सांसद ने किया गुमराह, हुआ जमकर बवाल, पत्रकारों ने एकजुटता दिखाकर प्रेसवार्ता का कर दिया बहिष्कार

जांजगीर-चांपा. भारत सरकार के केन्द्रीय सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रसायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मन्डाविया के आगमन पर सर्किट हाऊस में आयोजित प्रेसवार्ता शुरू होने से ठीक पहले उस वक्त जमकर बवाल हो गया, जब सांसद कमला पाटले ने उन्हें गुमराह करते हुए मीडियाकर्मियों पर टिप्पणी कर दी। सांसद की टिप्पणी से जिला मुख्यालय के सभी पत्रकार भडक़ गए और प्रेसवार्ता का बहिष्कार कर दिया। पत्रकारों के इस रूख से जिला प्रशासन सकते में आ गया है।

दरअसल, भारत सरकार के केन्द्रीय सडक़, परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रसायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मन्डाविया एकदिवसीय प्रवास पर मंगलवार की सुबह जिला मुख्यालय जांजगीर पहुंचे थे। निर्धारित कार्यक्रम अनुसार मंत्री मन्डाविया सुबह 11 बजे टीसीएल कॉलेज में आयोजित लाभार्थी सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। दोपहर लगभग 12.30 बजे कॉलेज में सम्मेलन आयोजित होने के बाद वे सर्किट हाऊस में प्रेसवार्ता लेने पहुंचे। इस दौरान सर्किट हाऊस के मीटिंग हॉल में विभिन्न समाचार पत्रों सहित इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े दर्जन भर से ज्यादा पत्रकार मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सर्किट हाऊस पहुंचने के बाद मंत्री मन्डाविया जैसे पत्रकारों से रूबरू होने के लिए मीटिंग हॉल की तरफ बढऩे लगे, तभी क्षेत्रीय सांसद कमला पाटले ने उन्हें गुमराह कर दिया। सांसद ने कहा कि अभी पत्रकारों को थोड़ा बैठने दीजिए, तब तक दूसरे कक्ष में पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा कर लेते हैं। सांसद ने यह भी कहा कि पत्रकारों को इंतजार करवाया जा सकता है, वे तब तक रूके रहेंगे, जब तक प्रेसवार्ता न हो जाए। इस बात की जानकारी मीटिंग हॉल में बैठे पत्रकारों तक पहुंच गई, जिससे पत्रकार भडक़ गए। पत्रकारों ने मीटिंग हॉल से बाहर निकलकर प्रेसवार्ता का बहिष्कार करने का ऐलान किया, जिससे मौके पर उपस्थित प्रभारी कलेक्टर अजीत वसंत, अपर कलेक्टर डीके सिंह, एसडीओपी अशोक शर्मा सहित अन्य अधिकारी सकते में आ गए। प्रशासनिक अफसरों ने पत्रकारों को समझाकर प्रेसवार्ता में शामिल होने का आग्रह किया, लेकिन पत्रकारों ने उनकी बातों को एक सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद सभी संस्थानों से जुड़े पत्रकार वहां से निकल गए।
 

सांसद पाटले बनी रही मूकदर्शक

क्षेत्रीय सांसद कमला पाटले का स्थानीय मीडियाकर्मियों से संबंध मधुर नहीं है, यह जगजाहिर है। कुछ माह पहले ग्राम नगरदा में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सांसद पाटले को मीडिया से मिल-जुलकर काम करने की नसीहत दी थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए वे मीडियाकर्मियों के साथ अपने व्यवहार में सुधार लाएं। इसके बावजूद, सांसद पाटले के रवैये में अब तक कोई सुधार नहीं आया है। केन्द्रीय मंत्री को गुमराह करने तथा मीडियाकर्मियों के खिलाफ टिप्पणी करने से हुए बवाल के बाद भी उन्हें अपनी गलती पर पछतावा नहीं हुआ। वे मूकदर्शक बनकर मंत्री के साथ एक कमरे में बैठी रहीं। इस बात को लेकर पत्रकारों ने सांसद के प्रति गहरी नाराजगी जताई है। पत्रकारों ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब वे सांसद को किसी भी प्रकार से सहयोग नहीं देंगे।

लल्लो-चप्पो करते रहे छूटभैया नेता

सर्किट हाऊस में हुए इस पूरे घटनाक्रम के बाद केन्द्रीय मंत्री को स्थानीय छूटभैया नेताओं द्वारा गलत जानकारी दिए जाने की बात सामने आ रही है। वहीं पत्रकार जब प्रेसवार्ता का बहिष्कार कर सार्किट हाऊस के मीटिंग हाल से बाहर निकल रहे थे, तब भाजपा के कुछ छूटभैया नेता लल्लो-चप्पो करते रहे। इससे ऐसा लगा कि जैसे उन्हीं छूटभैया नेताओं के बदौलत विश्व की सबसे बड़ी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी का संचालन जिले में हो रहा है। यहां बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब किसी बड़े नेता को सांसद पाटले ने मीडियाकर्मियों के प्रति गुमराह किया है। इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें सांसद के द्वारा अपनाए गए रवैये को लेकर मीडियाकर्मियों ने सत्तासीन पार्टी और उसकी सरकार के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया है।

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