रविवार, 14 मई 2017

सिंघुुल के होरीलाल ने बारहवीं के मार्कशीट में सौ अंक बढ़ाकर हथिया ली शिक्षाकर्मी की नौकरी, सूचना का अधिकार से हुआ खुलासा

जांजगीर-चांपा. हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा की मार्कशीट में सौ अंक बढ़ाकर फर्जीवाड़े करते हुए एक युवक द्वारा शिक्षाकर्मी की नौकरी हथियाने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त हुए प्रमाणित दस्तावेज से हुआ है। फर्जीवाड़ा कर नौकरी हथियाने वाला युवक वर्तमान में नवागढ़ विकासखंड क्षेत्र के ग्राम कनस्दा में संचालित प्राथमिक शाला में पदस्थ है। इस फर्जीवाड़े की शिकायत जिला प्रशासन तक पहुंची है।


असल मार्कशीट
जाली मार्कशीट
एक तरफ जहां पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी के लाले पड़े हुए हैं। स्नातक और स्नातकोत्तर के साथ ही बीटीआई तथा बीएड की डिग्री होने के बाद भी पात्र युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है। वहीं फर्जी मार्कशीट बनवाकर सरकारी नौकरी हथियाने वाले बड़े चैन से हर माह वेतन उठा रहे हैं। ताजा मामला नवागढ़ विकासखंड क्षेत्र के प्राथमिक शाला कनस्दा में पदस्थ एक शिक्षाकर्मी का है, जिसने बारहवीं कक्षा के मार्कशीट में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हथियाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनपद पंचायत नवागढ़ द्वारा राज्य शासन के आदेश पर वर्ष 2005 में शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 

इस भर्ती के लिए नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिंघुल निवासी होरीलाल कश्यप पिता बोटलाल कश्यप ने संपूर्ण दस्तावेजों के साथ जनपद कार्यालय नवागढ़ में आवेदन किया था। दस्तावेजों की स्थानीय स्तर पर जांच के बाद हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा में उच्च अंक होने की वजह से होरीलाल कश्यप को जनपद पंचायत नवागढ़ द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के पद पर नियुक्ति दे दी गई। जनपद पंचायत द्वारा 21 जून 2005 को उसकी प्रथम पदस्थापना प्राथमिक शाला दुरपा में की गई। पदस्थापना के कुछ दिनों बाद शिक्षाकर्मी होरीलाल कश्यप के मार्कशीट और अन्य शैक्षणिक दस्तावेजों पर कुछ लोगों को संदेह हुआ, तब उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जनपद पंचायत कार्यालय नवागढ़ में आवेदन प्रस्तुत कर उसके संपूर्ण शैक्षणिक दस्तावेजों की मांग की। 

228 को बढ़ाकर बनाया 328 अंक

सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त कागजात के साथ संलग्र हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा की अंकसूची में होरीलाल कश्यप को 328 अंक प्राप्त होना बताया गया है। जनपद पंचायत से प्राप्त शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की सत्यता की जांच के लिए संबंधितों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल मेें सूचना का अधिकार के तहत आवेदन पेश कर उसके बारहवीं कक्षा की अंकसूची की प्रमाणित प्रति मांगी। माशिमं से जो जानकारी मिली, वो काफी चौंकाने वाली है। शिक्षाकर्मी होरीलाल कश्यप को असल में 228 अंक प्राप्त हुए हैं, लेकिन उसने जाली मार्कशीट बनवाकर उसमें बारहवीं में प्राप्त अंक को 328 प्रिंट कराया है। 

विषयवार प्राप्तांक बढ़ाकर फर्जीवाड़ा

सूचना का अधिकार के तहत जो दस्तावेज मिले हैं, उसके मुताबिक, होरीलाल कश्यप का बारहवीं का रोल नंबर, परीक्षा केन्द्र क्रमांक आदि असल मार्कशीट के अनुसार ही है, जबकि विषयवार प्राप्तांक को बढ़ाकर कुल अंक में फर्जीवाड़ा किया गया है। इस वजह से उसे आसानी से शिक्षाकर्मी वर्ग तीन की नौकरी मिल गई। इस मामले की शिकायत संबंधितों ने जिला प्रशासन से करते हुए फर्जी शिक्षाकर्मी होरीलाल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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