सोमवार, 5 जून 2017

प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंगयुक्त वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाने युवा सबसे बड़ी उम्मीद -अधिवक्ता विजय दुबे

जांजगीर-चांपा. जीवन को बेहतर और अधिक प्राकृतिक बनाने के लिए पूरे विश्व में पर्यावरण में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस अभियान की स्थापना की गई है। प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से युक्त वातावरण में सकारात्मक बदलावों को लाने के लिए विद्यार्थियों के रुप में किसी भी देश के युवा सबसे बड़ी उम्मीद है। विद्यार्थियों को यह विषय आमतौर पर स्कूलों में पैराग्राफ, निबंध, लेख लिखने, भाषण देने या वाद-विवाद में भाग लेने के लिए मिलता है।

ये बातें पर्यावरणविद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विजय दुबे ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय जांजगीर में आयोजित संगोष्ठी में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। अधिवक्ता दुबे ने कहा कि आजकल, पर्यावरण का मुद्दा बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है, जिसके बारे में सभी को जागरुक होना चाहिए और इस परेशानी का सामना करने के लिए सकारात्मक प्रयासों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर अपनी विरासत को संभाले। द ग्रीन वल्र्ड सोसायटी का आहृवान है कि हम अपने प्राचीन विरासत में मिले शहरों और गांवों में तालाबों को पुर्नजीवन प्रदान करें। तालाबों के किनारे सघन वृक्ष लगाएं, क्योंकि वृक्ष ऑक्सीजन देता है। साथ ही फैक्ट्री से निकलने वाले कार्बन-डाई-ऑक्साइड को सोखता है और ग्रीन इफैक्ट को प्रभावित करता है। 

उन्होंने लागे कहा कि वर्षा जल को रोकने में हमने ज्यादा ध्यान नहीं दिया है, इसी का पिरणा म है कि हम आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। विद्यालय की प्राचार्य संगीता लूथर ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) एक अभियान है, जो प्रत्येक वर्ष पांच जून को विश्व भर में लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस अभियान की शुरुआत लोगों के बीच में पर्यावरण के मुद्दों के बारे में वैश्विक जागरुकता लाने के साथ ही पर्यावरण के लिए सकारात्मक कदम लेने के लिए की गई है। इसका संचालन संयुक्त राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा किया जाता है और इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1972 में की गई थी। यह दिन विशेष रुप से वर्तमान वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केन्द्रित करके पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए है। यह दिवस 100 से ज्यादा देशों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। 

प्राचार्य लूथर ने आगे कहा कि लोगों को पर्यावरण के मुद्दों पर कार्य करने और विश्वभर में निश्चित व पर्यावरण के अनुकूल विकास का सक्रिय प्रतिनिधि बनने के लिए इस दिन को बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण एवं जीवन का अटूट संबंध है। फिर भी अलग से पर्यावरण दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास का संकल्प लने की आवश्यकता है। पर्यावरण की सुरक्षा सिर्फ सरकार और निजी संगठन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज एवं प्रत्येक नागरिक तथा विद्यार्थियों की भी है। पर्यावरण को संरक्षित कर ही हम सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक सुखी भविष्य का आनंद ले सकेंगे। उन्होंने इस दौरान बच्चों को स्लोगन लिखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यालय की आस्था पाण्डेय एवं दिप्ती बंजारे द्वारा भाषण प्रस्तुत किया गया। वहीं छात्रों द्वारा मोहक नाटक के माध्यम से वृक्षों के महत्व को प्रदर्शित किया गया। साथ ही विद्यालय में ड्राइंग, निंबध लेखन, स्लोगन आदि विविध प्रतियोगिताएं भी करवाई गई।

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