शिवरीनारायण. भगवान जगन्नाथ को 9 जून को पड़ रही स्नान दान पूर्णिमा पर 180 कलश के जल से स्नान कराया जाएगा। इससे वे बीमार पड़ जाएंगे और मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद हो जाएंगे। नगर स्थित मंदिर में यह अनुष्ठान होगा, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, मठ मंदिर की ओर से 9 जून को भगवान का विशेष अभिषेक 108 कलश के जल, दूध, दही, शहदए पंचामृत से होगा। मठ मंदिर के पुजारियों ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की लीला मनुष्यों जैसी है। इस वजह से वे बीमार होते हैं और उनकी वैसे ही सेवा होती है। इसी मान्यता के अनुरूप स्नान के बाद वे तेज ज्वर से पीडि़त होंगे। भगवान के बीमार होने के बाद मंदिर के पट श्रद्घालुओं के लिए बंद हो जाएंगे। इस बीच भगवान की विशेष सेवा होगी। मंदिर के पुजारी भगवान की तेल मालिश के साथ ही जड़ी बूटियों से उपचार करेंगे। भगवान 15 दिनों बाद 24 जून को स्वस्थ होंगे। वहीं मंदिर के पट खुल जाएंगे। इस दिन मंदिर में नया ध्वज स्थापित होगा। इसके साथ ही भगवान के नवजोबन रूप के दर्शन श्रद्घालुओं को होंगे। भगवान को विशेष भोग प्रसाद दिया जाएगा।
25 को निकलेगी रथयात्रा
भगवान स्वस्थ होने के बाद 25 जून को अपने श्रद्घालुओं को दर्शन देने मंदिर से निकलेंगे। इसके लिए भगवान की रथयात्रा निकाली जाएगी। वे अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ अपने भक्कों को दर्शन देते हुए मौसी मां के घर जाएंगे। वहां वे 10 दिन रहेंगे। मौसी मां के घर उनके मनोरंजन के साथ ही विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के भोग प्रसाद के साथ उनका सत्कार होगा।
बहुणा यात्रा 3 जुलाई को
तीन जुलाई को भगवान की घर वापसी के लिए बहुणा यात्रा निकलेगी। भगवान रुठी हुई माता लक्ष्मी को मनाते हुए अपने घर वापसी करेंगे। मंदिर में उन्हें विधिपूर्वक स्थापित किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें