बुधवार, 21 जून 2017

ईपीएफ और ईएसआईसी के नाम पर बड़ा खेल, श्रमिकों को एकाउंट व सुविधा की जानकारी नहीं, ठेका श्रमिकों का हक मारने में जुटे हैं सफाई ठेकेदार

जांजगीर. नगरपालिका परिषद जांजगीर-नैला में सफाई ठेका चला रहे नेता अपने श्रमिकों के ईपीएफ और ईएसआईसी के नाम पर भी बड़ा खेल कर रहे हैं। निर्धारित वेतन से कम देने के अलावा उनसे इस नाम पर राशि भी काटी जा रही है, लेकिन श्रमिक को अब तक इस एकाउंट व सुविधा की जानकारी नहीं दी गई है।

तय शर्त के मुताबिक, करीब 13 फीसदी रकम सफाई कर्मियों के वेतन से काटना है, जिसे ईपीएफ व ईएसआईसी के फंड में ट्रांसफर करना है, लेकिन सफाई कर्मियों को अब तक इससे संबंधित न कोई दस्तावेज दिए गए हैं और न ही कोई जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। सफाईकर्मी अपने ईपीएफ  की जानकारी लेने नगरपालिका पहुंचते हैं तो उन्हें वहां से ठेकेदार के पास वापस भेज दिया जाता है। ठेकेदार उन्हें इसके लिए श्रम विभाग से जानकारी लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन जिन श्रमिकों से काम लिया जा रहा है, उनका पंजीयन भी ठेकेदारों ने श्रम विभाग में नहीं कराया है। हाल ही में शासन ने सभी ठेका समूहों व ठेकेदारों को लेबर लाइसेंस रखने की भी अनिवार्यता के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी समूह ने लेबर लाइसेंस से संबंधित जानकारी पालिका में जमा नहीं की है। इस संबंध में नगरपालिका जांजगीर-नैला के सीएमओ दिनेश कोसरिया ने बताया कि समूह को लेबर लाइसेंस की अनिवार्यता नहीं थी, इसी के चलते किसी तरह के दस्तावेज नहीं मांगे गए थे, लेकिन अब उनकी फाइल मंगाई जा रही है।
 

काट रहे मनमानी रकम

नगर के वार्डों में सफाई करने वालों के लिए ईपीएफ  व ईएसआईसी पेचीदा प्रक्रिया है। इन श्रमिकों को इसकी पूरी जानकारी भी नहीं है। इसी का फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पहले श्रमिकों को 223 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाना था, लेकिन भुगतान सिर्फ  200 रुपए का हो रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें