शनिवार, 3 जून 2017

पीएम आवास योजना में सरकारी नुमाइंदे लगा रहे जमकर सेंध, सरपंच-सचिव पर हितग्राहियों से दस-दस हजार मांगने का आरोप

डभरा. जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत जवाली में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हितग्राहियों से दस-दस हजार रुपए की मांग सरपंच, सचिव और उनके प्रतिनिधियों द्वारा किए जाने की शिकायत सामने आई है। साथ ही आवास निर्माण के लिए सामग्री सप्लाई का काम भी सरपंच व सचिव द्वारा अपने चहेते लोगों को दिया जा रहा है, जिसमें गरीब हितग्राहियों को लूटा जा रहा है। वहीं पहली लिस्ट में एक जीवित महिला को मृत बताकर उसका नाम पीएम आवास के लिए अपात्र घोषित कर दिया था। मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद फिर से नाम जोड़ा गया और उसे लाभ मिला। इसके बाद भी अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

एक तरफ  सरकार जहां गरीबों को छत मुहैया करवाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदे ही इस योजना में जमकर सेंध लगा रहे हैं। ताजा मामला ग्राम पंचायत जवाली से संबंधित है। यहां के सरपंच एवं सचिव द्वारा हितग्राहियों दस-दस हजार मांग कर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस वजह से गरीब जनता इन जनप्रतिनिधियों से तंग आ गई है। तंग भी क्यों न आए, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सरकार उनको एक लाख 48 हजार की सहायता राशि देती है, उतनी राशि में मकान बना पाना संभव नहीं है। कोई अपनी जमीन को गिरवी रखकर मकान बनाता है तो कोई उधार में रकम लेकर मकान पूर्ण करता है। ऐसे में अगर सरपंच-सचिव दस-दस हजार रुपए की मांग करें तो हितग्राहियों का आक्रोशित होकर शिकायत करना लाजिमी है। हितग्राही पांचों बाई का कहना है किसरपंच प्रतिनिधि द्वारा दस हजार और सचिव द्वारा पांच हजार रुपए की मांग की गई है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में बंदरबाट हुआ है, क्यों कि एक जीवित महिला को मृत बताकर उनकी स्वीकृति रोक दी गई थी। शिकायत के बाद फिर से उसका नाम सूची में जोडक़र उसे योजना का लाभ दिया गया। इस प्रकार की धांधली यहां लगातार सामने आ रही है। ग्रामीण पकली बाई का कहना है कि उनसे दस हजार की मांग सरपंच के कहने पर नरहरि एवं अन्य द्वारा की गई है।

सरपंच बोला-नहीं मांगी गई राशि

दैनिक नवीन कदम के संवाददाता ने जब इस संबंध में ग्राम पंचायत जवाली के सरपंच दयानिधि कुर्रे से बात की तो उन्होंने किसी भी प्रकार की राशि की मांग नही किए जाने की बात कही। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार व बेबुनियाद बताया। साथ ये भी कहा कि जनपद सीईओ के निर्देशानुसार वे इस योजना के क्रियान्वयन से अपने आप को दूर रखे हुए हैं।

सचिव ने कहा-आरोप बेबुनियाद

ग्राम पंचायत के सचिव मिथिलेश सिंह मरावी ने चर्चा में कहा कि रुपए मांगने वाली कोई बात ही नहीं है। ग्रामीणों ने जो आरोप लगाए हैं, वे बेबुनियाद और निराधार हैं। मगर जब उनसे यह पूछा गया कि सूची में कई गड़बड़ी है तो वे गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश करने लगे। इससे साफ पता चलता है कि उनके द्वारा धांधली की जा रही है।

शिकायतों की जांच कराएंगे

ग्रामीणों से मिल रही शिकायतों की जांच कराएंगे। जांच के लिए टीम गठित की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

-नितेश कुमार उपाध्याय, सीईओ, जनपद पंचायत डभरा

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