बुधवार, 11 अक्टूबर 2017

पटाखा विक्रेताओं ने कोसा नगरी को बना दिया बारुद का ढेर, रिहायशी इलाकों में व्यापक स्तर पर किया गया है पटाखे का भंडारण

चांपा. दीपावली त्योहार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। भले ही अब तक जिला मजिस्ट्रेट की ओर से पटाखों के भंडारण के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके कुछ पटाखा विक्रेताओं ने शहर को बारुद का ढेर बना दिया है। कारोबारियों द्वारा शहर के रिहायशी इलाकों में व्यापक स्तर पर पटाखों का अवैध भंडारण किया गया है। ऐसे कारोबारी चंद रुपए की लालच में लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

कोसा नगरी चांपा के बरपाली चौक स्थित एक गोदाम से मंगलवार को लाखों का अवैध पटाखा बरामद होने के बाद ‘दैनिक नवीन कदम’ की टीम की ओर से बुधवार को जानकारी जुटाई गई कि शहर में पटाखों के भंडारण की क्या स्थिति है। इस दौरान यह बात सामने आई की कि कुछ पटाखा विक्रेताओं ने भीड़-भाड़ वाला इलाका सदर बाजार, गौशाला रोड, स्टेशन रोड, जगदल्ला रोड सहित नई आबादी वाले इलाके में पटाखों का व्यापक स्तर पर भंडारण कर रखा है। ऐसे लोगों के पास लाइसेंस नहीं है कि वह पटाखों का भंडारण कर सकें, लेकिन चंद रुपए की लालच में वे लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसी मनमर्जी से पटाखा गोदामों के साथ की दुकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है। यह कड़वी सच्चाई है कि इन इलाकों में पटाखों के भंडारण खतरे की घंटी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन इन पर कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहा है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि पुलिस प्रशासन को पटाखों के भंडारण के बारे में भलीभांति जानकारी होती है, लेकिन वह सब कुछ जानते हुए भी कानों में तेल डालकर बैठा रहता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अवैध तौर पर पटाखों का भंडारण से निकली एक चिंगारी शोला बन सकती है। अगर लापरवाही के आलम में कहीं पर अप्रिय घटना घटी तो उसके पास सिवाय हाथ मलने के कुछ नहीं होगा और आग लगने के बाद प्रशासन को कुआं खोदने की याद आएगी।
 

इन इलाकों में अवैध भंडारण

शहर की नई आबादी के साथ ही गोशाला मार्ग, बरपाली चौक, जगदल्ला रोड, सदर बाजार, स्टेशन रोड के इर्दगिर्द स्टोर किए गए पटाखें काफी घनी आबादी में हैं। अगर यहां पर कोई अप्रिय घटना घट जाए तो फायरब्रिगेड की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती है। यहां काफी दुकानों के अलावा काफी संख्या में घर भी हैं। इसके बावजूद प्रशासन बेखबर है।
 

कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति

पुलिस का आलम यह है कि वह अवैध पटाखा भंडारण करने वालों के खिलाफ  कड़ी कार्यवाही करने की बजाय मूकदर्शक बनी रहती है। पिछले साल भी अवैध पटाखा व्रिकेताओं के खिलाफ  कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। कहीं पर कोई छापेमारी नहीं हुई थी, क्योंकि कुछ पुलिसकर्मी दीपावली के तोहफे के तौर पर पटाखे जो लेकर जाते हैं।
 

लाइसेंस से कहीं ज्यादा दुकानें

जिले में 200 के करीब पटाखा विके्रताओं को हर साल लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन दीपावली से चंद पहले। बावजूद इसके, पटाखा की दुकानें काफी पहले सजनी शुरु हो जाती हैं। हैरानी की बात यह है कि लाइसेंसधारी दुकानों से छोटे दुकानदार पटाखे खरीदकर ले जाते हैं और बिना लाइसेंस के ही ब्रिकी करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ  कार्यवाही नहीं होती है। ऐसा नजारा हर साल देखने को मिलता है। पिछले कई सालों में किसी का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है।
 

दो साल तक की सजा का प्रावधान

वरिष्ठ अधिवक्ता बालकृष्ण मिश्रा के मुताबिक, बिना लाइसेंस पटाखा बेचने के दोष में दो साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा तीन हजार रुपए तक जुर्माना भी हो सकता है। यहां तक कि सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
 

नवीन कदम भी जनता हित के साथ

’दैनिक नवीन कदम’ भी जनता हित के साथ है। अगर आपके आसपास कहीं पर पटाखों का भंडारण है। पटाखा भंडारण सुरक्षा के लिए खतरा है। इसकी जानकारी आप दैनिक नवीन कदम को दे सकते हैं। ऐसी समस्या को दैनिक नवीन कदम प्रशासन तक पहुंचाकर लोगों को सुरक्षा प्रदान करवाएगा।
 

सख्त कार्यवाही की जाएगी

बिना लाइसेंस पटाखों का भंडारण करना और बेचना कानूनन अपराध है। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ  सख्त कार्यवाही की जाएगी। कहीं पर अवैध रूप से पटाखा भंडारण की जानकारी है तो बेझिझक नोटिस में लाएं। पटाखा के अवैध भंडारण और बिक्री पर शिकंजा कसने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिया गया है।

-अजय यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें