शनिवार, 9 दिसंबर 2017

तत्कालीन अध्यक्ष पर सात माह बाद भी दर्ज नहीं हो सकी एफआईआर, सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था चांपा में हुए भूमि फर्जीवाड़े का मामला

चांपा. सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था मर्यादित चांपा की करोड़ों की जमीन को सात टुकड़ों में बिक्री कर शासकीय राशि गबन करने वाले संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ चांपा पुलिस मेहरबान है। यही वजह है कि संस्था के अतिरिक्त प्रबंधक द्वारा थाना प्रभारी को पत्र लिखे जाने के सात माह बाद भी घोटालेबाज तत्कालीन अध्यक्ष के विरूद्ध एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। 

जानकारी के अनुसार, सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था मर्यादित चांपा की करोड़ों की जमीन को तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा द्वारा सात टुकड़ों में बेचा गया था। जमीन विक्रय से प्राप्त राशि 44 लाख 78 हजार रुपए उन्होंने संस्था के खाते में जमा नहीं करवाया। इसकी शिकायत संस्था के पूर्व अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने पंजीयक सहकारी संस्थाएं से की थी। पंजीयक ने शिकायत की जांच के लिए सहकारी संस्थाएं दुर्ग संभाग के संयुक्त पंजीयक एसएल विश्वकर्मा को चांपा भेजा था। संयुक्त पंजीयक ने मामले की जांच की, जिसमें पाया कि तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा ने संस्था की जमीन के विक्रय से प्राप्त राशि 44 लाख 78 हजार रुपए को संस्था के खाते में जमा न करवाकर स्वयं हजम कर लिया है। उन्होंने इस मामले की जांच रिपोर्ट पंजीयक को सौंपी, जिसके आधार पर पंजीयक ने जांजगीर-चांपा के उप पंजीयक को पत्र लिखकर कानूनी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। इसके बाद उपपंजीयक ने सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था मर्यादित चांपा के अतिरिक्त पंबंधक को पत्र लिखकर तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा के विरूद्ध थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा। उपपंजीयक के पत्र के आधार पर संस्था के अतिरिक्त पंजीयक ने तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए 22 मई 2017 को चांपा थाना प्रभारी को पत्र लिखा, जिसके साथ 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट भी संलग्र की गई थी। हद की बात तो यह है कि इस मामले में चांपा पुलिस ने पत्र प्राप्ति के सात माह बाद भी तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा है।
 

षडय़ंत्र कर संस्था को पहुंचाई आर्थिक क्षति

अतिरिक्त प्रबंधक ने चांपा थानेदार को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि तत्कालीन अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा द्वारा खसरा क्रमांक 2303/2 की बिक्री बाजार मूल्य से कम मूल्य पर कर संस्था को पच्चीस लाख चार हजार नौ सौ रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। इसके अलावा तत्कालीन अध्यक्ष शर्मा द्वारा संस्था के बोर्ड के सक्षम निर्णय के बिना संस्था की भूमि का इकरारनामा संतोष थवाईत से करते हुए छह लाख रुपए स्वयं प्राप्त किया गया है। इस तरह तत्कालीन अध्यक्ष शर्मा ने संस्था के साथ सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत धोखाधड़ी की है तथा न्यास भंग किया है। इन सभी बातों का उल्लेख सहकारी संस्थाएं दुर्ग संभाग के संयुक्त पंजीयक एसएल विश्वकर्मा की जांच रिपोर्ट में भी है।
 

पूर्व संचालक ने एसएसपी को सौंपा ज्ञापन

सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया संस्था मर्यादित चांपा के पूर्व संचालक मंगतूराम शर्मा ने बीते एक दिसम्बर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव को ज्ञापन सौंपकर पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा के विरूद्ध शीघ्र एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से की गई थी, जिसकी जांच सहकारिता विभाग द्वारा की गई। सहकारिता विभाग ने छह जून 2016 को मामले में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। इसके एक साल बाद संस्था के अतिरिक्त प्रबंधक ने मामले में एफआईआर के लिए चांपा पुलिस को पत्र लिखा। चांपा पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुन: जांच कर रही है। जांच की जिम्मेदारी एक एएसआई को सौंपी गई है, जो अन्य कार्यों का बहाना बनाकर जांच को गति नहीं दे रहे हैं। पूर्व संचालक शर्मा ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी विभाग के किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपे जाने का आग्रह भी किया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें