जैजैपुर. कुर्सी तो चली गई, लेकिन पद का मोह नहीं छूट रहा, यह कहावत नगर पंचायत जैजैपुर के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष पर बिल्कुल फीट बैठ रहा है। सोशल मीडिया में पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष अभी भी खुद को नगर पंचायत जैजैपुर का अध्यक्ष बता रहे हैं, जिस पर नगर के लोगों ने आपत्ति जताते हुए उन पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत जैजैपुर में वर्ष 2014 में हुए अध्यक्ष पद के चुनाव में महेन्द्र चंद्रा निर्वाचित हुए थे। निर्वाचन के करीब छह माह बाद न्यायालय के आदेश पर उन्हें पदच्युत कर दिया गया। इसके बाद पार्षद नरेन्द्र प्रजापति को कार्यवाहक अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया, जिस पर असंतोष जताते हुए नगर पंचायत उपाध्यक्ष सहित कई पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया और उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव कराए जाने की मांग जोरशोर से रखी। इसके बाद शासन स्तर से पार्षद बसंत साहू को कुछ समय के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।
इस पर भी पार्षदों के अलावा नगरवासियों को आपत्ति थी, जिसके चलते करीब छह माह पहले यहां नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव हुआ, जिसमें पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र चंद्रा की पत्नी मीना चंद्रा ने अपनी जीत सुनिश्चित की। वर्तमान में नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर मीना चंद्रा काबिज हैं। इसके बावजूद, सोशल मीडिया जैसे वाट्सएप, फेसबुक और अन्य संचार के माध्यमों में पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष नरेन्द्र प्रजापति द्वारा खुद को नपं अध्यक्ष बताया जा रहा है। प्रजापति ने अपने फेसबुक प्रोफाइल में नगर पंचायत जैजैपुर का अध्यक्ष होने संबंधी स्टेटस डाला है। इसके अलावा उनके वाट्सएप के स्टेटस में भी नगरपंचायत अध्यक्ष जैजैपुर लिखा हुआ है, जिस पर नगर के लोगों ने आपत्ति जताते हुए पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष प्रजापति पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। नगर के लोगों का आरोप है कि जब नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर मीना चंद्रा काबिज हैं तो नरेन्द्र प्रजापति अपने आप को नपं अध्यक्ष कैसे बता सकते हैं।
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