पिछले एक सप्ताह से शराब की कीमतों में दी जा रही बेतहाशा छूट
जांजगीर-चांपा. राज्य शासन ने एक अप्रैल से शराब दुकान खुद चलाने का निर्णय लिया है। इसके चलते मौजूदा शराब ठेकेदार अपना स्टॉक खत्म करने में लगे हैं। इसके लिए उन्होंने पिछले एक सप्ताह से शराब की कीमतों में पचास प्रतिशत तक छूट देनी शुरू कर दी है।
इसका नतीजा यह हुआ कि मिडियम रेंज की शराब बड़े पैमाने पर लोगों ने स्टॉक कर लिया। अब दुकानों में केवल महंगी शराब और लोकल ब्रांड ही बची है। शासन ने शराब दुकान चलाने का अपना नियम बदल दिया है। इसके तहत नए वित्तीय वर्ष में ठेकेदारी प्रथा समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में जितने भी ठेकेदार हैं वे आगे शराब नहीं बेच पाएंगे। इसे देखते हुए स्टॉक खत्म करने की होड़ चल रही थी।
ठेकेदारों ने शासन के अधिकतम, न्यूनतम कीमतों की पाबंदी के खिलाफ शौकीनों को आधी कीमत पर शराब की सप्लाई कर दी। आलम ये है कि कुछ एक ब्रांड्स की पूरी बोतलों की कीमत ही 100 से डेढ़ सौ रुपए तक पहुच गई है। इसके चलते बड़े पैमाने पर उनका स्टॉक खत्म हो गया है।
अब शराब दुकानों में शार्टेज की स्थिति बन गई है। अब ठेकेदार अपने स्थानीय ब्रांड को भी बेतहाशा खपाने के लिए ग्राहकों को छूट का लालच दे रहे हैं। इसी तरह महंगे ब्रांड की शराब को भी छूट देकर खपाने की कोशिश जा रही है। कहा जा रहा है कि अंतिम दिन मिडियम रेंज के बजाय महंगी और सस्ती शराब में छूट मिल सकती है।
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