बुधवार, 29 मार्च 2017

अपराध दर्ज कराने के लिए अब लगेगा ‘आधार’, संबंधित प्रकरण में लिंक किया जाएगा आधार नंबर

नई व्यवस्था से विवेचना व वारंट तामिली में होगी सुविधा

 

जांजगीर-चांपा. बैंक, रेलवे और परिवहन विभाग के बाद अब पुलिस महकमे में भी आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब किसी को थाने में अपराध दर्ज कराना है तो आधार नंबर देना होगा। संबंधित प्रकरण में आधार नंबर को लिंक किया जाएगा। किसी प्रकरण की विवेचना या फिर वारंट की तामिली में होने वाले परेशानी को देखते हुए पुलिस विभाग ने इसे अनिवार्य किया है।

पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब अपराध दर्ज कराने आधार नंबर जरूरी होगा। क्योंकि अपराध कायम कराने वाले, गवाह व अन्य लोगों की जानकारी के अभाव में पुलिस को विवेचना में काफी दिक्कत होती है और पुलिस उस मामले की विवेचना नहीं कर पाती है। 

अगर उसकी विवेचना पूरी हो भी जाती है तो न्यायालय में गवाही देने के लिए गवाह को वारंट या समस तामिली कराना होता है, लेकिन पुलिस जब उस गवाह या प्रार्थी के दिए गए पते पर जाकर समस या वारंट तामिली करना चाहती है तो उसका नाम, पता, और नंबर गलत रहता है। इससे पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और न्यायालय में मामला लंबित होता है। इससे पुलिस के साथ-साथ न्यायालय में प्रकरणों की संख्या बढ़ती जाती है। 

पुलिस को होने वाली परेशानी को लेकर अब आधार नंबर जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिया गया कि कोई भी अपराध कायम कराने वाले, आरोपी व गवाहों का आधार नंबर लिया जाएगा। उस नंबर को संबंधित प्रकरण में लिंक किया जाएगा, ताकि उसके सही पते पर उसका वारंट तामिली की जा सके और समय पर वह न्यायालय पहुंचकर अपना बयान दे सके।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें