अंतिम चरण में मंदिरों की सजावट, हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा नवरात्रि पर्व
शिवरीनारायण. नगर में नवरात्रि पर्व श्रद्घा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां की जा रही है। मंदिरों के रंग-रोगन और सजावट का काम अंतिम चरण में है।
नगर के गायत्री मंदिर, शीतला मंदिर, दुर्गा मंदिर, काली मंदिर एवं सिद्घ शक्तिपीठ मां अन्नपूर्णा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। मां अन्नपूर्णा के लिए रत्नजडि़त जेवर, छत्र, मुकुट तैयार किए जा रहे हैं। मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित कराने के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मान्यतानुसार, महानदी के तट पर मां अन्नपूर्णा अपनी 16 शक्तियों के साथ विराजित हैं। देवी के प्रताप से ही छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है।
मंदिर के सर्वराकार पंडि़त विशेश्वर नारायण द्विवेदी ने बताया कि आदिशक्ति मां अन्नपूर्णा नवदुर्गा में से एक है। नवरात्रि के दौरान सधो मन से इनकी पूजा करने एवं कलश जलाने पर कभी धन एवं अन्न की कमी नहीं होती। अखंड कलश प्रज्जवलित करना एक तरह का अनुष्ठान है। जिन मंदिरों में वर्षो से दीप जल रहे हैं वहां मांगी गई मन्नतें शीघ्र पूरी हो जाती है। दीपदान से बढक़र अन्य कोई दान नहीं है।
उन्होंने बताया कि मंदिर में वर्ष 1989 से अखंड मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित हो रही है। इस साल यहां 31 ज्योति कलश प्रज्जवलित कराए गए हैं। 29 मार्च की सुबह 6.11 बजे घट स्थापना के साथ देवी पूजन भागवत, दुर्गा सप्तशती पूजन, ललित सहस्त्रनाम एवं अन्य पाठ आरंभ होंगे। प्रतिदिन रात में माता सेवा गायन होगा। इसमें श्रेष्ठ मंडलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
अष्टमी को रात आठ बजे से अग्नि स्थापना, ब्रह्मा स्थापना, सप्तसती पाठ एवं हवन, पूर्णाहुति एवं महाआरती होगी। नवमी को दोपहर 12 बजे से कन्या भोजन, ब्राह्मण भोज व भंडारा का आयोजन किया जाएगा। मां अन्नपूर्णा मंदिर में नवरात्रि पर मंदिर परिसर में प्रतिदिन भंडारा लगाया जाएगा, जिसमें भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे।
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