मंगलवार, 28 मार्च 2017

निजी अस्पतालों में टीबी के मरीजों को अब मुफ्त में दवा

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया फरमान, मरीजों को मिलेगी राहत

 

जांजगीर-चांपा. निजी अस्पतालों में टीबी के मरीजों को अब मुफ्त में दवा मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल संचालकों को राज्य सरकार से मुफ्त में दवा लेकर मरीजों का उपचार करने के निर्देश दिए हैं। यह फरमान इसलिए जारी किया गया है कि जिले में कोई भी मरीज रुपए के अभाव में इलाज अधूरा न छोड़े।

स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले में टीबी के मरीजों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश पर डाट्स पद्धति से इलाज चल रहा है। टीबी मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आएं, इसका प्रचार-प्रसार करने के बाद भी ज्यादातर मरीज निजी अस्पतालों पर निर्भर है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिले में टीबी के मरीज बड़ी संख्या में हैं। 

इनके अलावा 40 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं और उनका रिकार्ड विभाग के पास नहीं है। इसलिए अब स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को मरीजों का रिकार्ड अनिवार्य तौर पर देने के लिए सुनिश्चित कर दिया है। उस रिकार्ड के आधार पर निजी अस्पतालों को मरीजों के लिए दवा मुहैया कराई जाएगी।
 

मरीजों को होगा फायदा

निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग टीबी की दवा देगा। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक यह बात सामने आई है कि मरीज निजी अस्पताल में उतनी ही दवा खाते हंै जितने उसके पास रुपए होते हैं। मार्केट में जो दवा है उसका पूरा कोर्स लेने पर करीब 12 हजार रुपए खर्च हो जाते हैं।

 

मुफ्त में मिलेगी दवा
टीबी बीमारी को लोग छिपाने का प्रयास करते हैं। इसलिए वे निजी डॉक्टरों के पास चले जाते है। रुपए के अभाव में वे पूरा इलाज नहीं करा पाते। इसलिए स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को मुफ्त में दवा देगा।
-डॉ. वी जयप्रकाश, सीएमएचओ, जांजगीर

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