एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
जांजगीर-चांपा. कृषि विज्ञान केन्द्र में पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषकों का सम्मान किया गया और पंजीयन एवं संरक्षण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई।
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने उपस्थित कृषकों से कहा कि पौधों का संरक्षण एवं पंजीयन तक ही सीमित न रहें। पौध किस्म व सामग्री को व्यावसायिक स्तर पर पहुंचाया जाना चाहिए। उत्पादित सामाग्री को आकर्षक पैक कर बाजार की मांग के अनुरूप एक पाव से लेकर एक किलोग्राम तक के पैकेट में उपलब्ध कराएं। जिले के साथ-साथ महानगरों के प्रतिष्ठित बाजारों मेें भी इन उत्पाद को उपलब्ध करवाया जाए, जिससे किसानों उचित मूल्य मिल सके।
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ.केएनएस बनाफर ने बताया कि जिले मेेें सैकड़ों प्रकार की अनाज, दलहन, तिलहन, फल-सब्जियां आदि के विभिन्न किस्मों की खेती की जा रही है। हमें जागरूक होकर प्रजातियों का संरक्षरण एवं संकलन कर पेटेंट भी करा सकते हैं। पेटेंट करा कर रायल्टी इनकम भी प्राप्त की जा सकती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा। कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विजय जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पौध किस्मों की सुरक्षा, कृषकों एवं पादप प्रजनकों के अधिकारों की सुरक्षा, कृषकों के नई किस्मों के विकास में योगदान को प्रोत्साहित करना है।
छत्तीसगढ राज्य से प्रथम बार धान की किस्म रामजीरा का पंजीयन कराने वाले जिले के प्रगतिशील कृषक दुष्यंत सिंह एवं खूबचन्द बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से सम्मानित रामप्रकाश केशरवानी, प्रगतिशील कृषक रामाधार देवांगन, दीनदयाल, रामाधार देवांगन का सम्मान किया गया। प्रगतिशील कृषकों ने उपस्थित कृषकों को पंजीयन एवं संरक्षण की प्रक्रिया के बारे में बताया और अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के शशीकांत सूर्यवंशी, एकता ताम्रकार, सविता राजपूत,चंन्द्रशेखर खरे सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने भाग लिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें