ग्राम पंचायतों को ओडीएफ बनवाने सरकार का अजीबो-गरीब आदेश
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के फरमान से मचा हडक़ंप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी रमन सरकार को बेहतर सफलता नहीं मिली है। कई तरह के प्रयास के बाद भी जिले सहित प्रदेश के सैकड़ों ग्राम पंचायत अब तक खुले में शौचमुक्त नहीं हो पाए हैं। ऐसे में केन्द्र स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। इधर, स्वच्छता अभियान की सफलता को लेकर रमन सरकार कोई कोर-कसर छोडऩा नहीं चाह रही है। ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए एक तरफ जहां पंच-सरपंचों पर दबाव बनाया जा रहा है। वहीं अब सरकार ने शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा रहे ग्रामीण परिवारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने को लेकर छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने बीते आठ मार्च को एक अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है, जिसके मुताबिक, प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को व्यक्तिगत शौचमुक्त ओडीएफ ग्राम पंचायतों में बाहर शौच करने वाले परिवारों को शासकीय योजनाओं से वंचित करने का आदेश दिया गया है। महानदी भवन नया रायपुर से जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी ग्रामों को शौचमुक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कई प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक कई ग्राम पंचायत ओडीएफ नहीं हो पाए हैं। संबंधित पंचायतों में सामग्री उपलब्ध कराने के बाद भी कई परिवार व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण नहीं करवा रहे हैं। इसलिए बाहर शौच करने वाले परिवार को शासन की सभी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि शौचालय निर्माण नहीं कराने वाले परिवारों का राशन-पानी भी रोक दिया जाए, ताकि मजबूर होकर उन्हें अपने घरों में शौचालय का निर्माण करवाना पड़े।
पंच-सरपंच की होगी बर्खास्तगी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि जो ग्रामीण परिवार अपने घर में पक्का शौचालय का निर्माण कराकर उसका उपयोग नहीं करता अथवा शौचालय निर्माण करवाने में आनाकारी करता है, उस परिवार के नाम जारी राशन कार्ड को सील करते हुए राशन की प्रदायगी रोक दी जाए। साथ ही उसके धान की खरीदी, राजस्व विभाग से संबंधित सभी कार्य, स्वास्थ्य केन्द्र से उपलब्ध होने वाली मुफ्त मच्छरदानी का लाभ न दिया जाए। वहीं शौचालय निर्माण को लेकर विशेष ध्यान नहीं देने वाले पंच-सरपंचों की बखा्र्रस्तगी की कार्यवाही की जाए।
गांव-गांव में मुनादी के निर्देश
कलेक्टर्स को जारी फरमान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि संबंधित जिले के कलेक्टर तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने जिले के जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्पष्ट हिदायत दें कि किसी भी हाल में शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करें। ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने गांव-गांव में मुनादी करवाएं तथा शिविर लगाकर ग्रामीणों को शौचालय निर्माण तथा उसकी नियमित उपयोगिता के लिए प्रेरित करें, ताकि स्वच्छ भारत अभियान को सफलता मिले।
ये हैं सरकार के निर्देश
⇛खुले में शौच करने वाले परिवार के राशन कार्ड को सील न लगाकर राशन रोक दी जाए।
⇛धान खरीदी केन्द्र पर धान खरीदी रोक दी जाए।
⇛राजस्व विभाग के सभी कार्य रोक दिए जाए।
⇛स्वास्थ्य केन्द्र से उपलब्ध मुफ्त मच्छरदानी वितरण पर रोक लगाई जाए।
⇛ध्यान नहीं देने वाले पंच-सरपंचों पर बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाए।
⇛धान खरीदी केन्द्र पर धान खरीदी रोक दी जाए।
⇛राजस्व विभाग के सभी कार्य रोक दिए जाए।
⇛स्वास्थ्य केन्द्र से उपलब्ध मुफ्त मच्छरदानी वितरण पर रोक लगाई जाए।
⇛ध्यान नहीं देने वाले पंच-सरपंचों पर बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाए।
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