सोमवार, 6 मार्च 2017

Good Work! गांवों में चल रहा मनरेगा से स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण

तालाब व डबरी निर्माण से बेहतर जल संरक्षण

जांजगीर-चांपा। पानी के संरक्षण की पहल महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से की जा रही है। गर्मी के दिनों में जिस तरह से पानी को लेकर संकट होता है, उसको देखते हुए जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए मनरेगा से तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, नाला बंधान के अलावा किसानों के खेत में ही जल संरक्षण के लिए डबरी बनाई जा रही हैं। 

कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के निर्देश और मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण के कार्यों को तेज गति से कराया जा रहा है। जिपं सीईओ वसंत ने बताया कि बारिश के पानी को ठंड एवं गर्मी के दिनों के लिए सहेजने के लिए जरूरी है, इसलिए अधिक से अधिक जल संरक्षण किया जाए। गर्मी के दिनों में आम लोगों के साथ ही किसानों को जल संकट से जूझना पड़ता है। किसान बारिश की ही फसल ले पाता है। पानी के अभाव में दोहरी फसल लेना उसके लिए मुश्किल होता है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए सभी जनपद पंचायतों में नया तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, डबरी, नाला बंधान के साथ ही सोखपिट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, कच्ची नाली निर्माण के अलावा सिंचाई के लिए नाली निर्माण कराने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकांश कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है, तो अधिकांश तेज गति से कराये जा रहे हैं।

डबरी निर्माण से खुश किसान

ग्राम पंचायत जेठा में घसियाराम के खेत में डबरी निर्माण हो रहा है। डबरी निर्माण होने से घसियाराम काफी खुश है। यह उनकी सोच का ही नतीजा है कि जब उन्हें मनरेगा से डबरी निर्माण कराए जाने की सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल अपने खेत में डबरी निर्माण को लेकर हामी भर दी। अधिकांश किसान घसियाराम की ही तरह अपने खेतों में डबरी का निर्माण करा रहे हैं, जिसमें कोहका ग्राम पंचायत के कृष्ण कुमार, पचरी ग्राम पंचायत के रामस्वरूप, ठाकुरदिया ग्राम पंचायत के भागीरथी सहित अधिकांश ग्राम पंचायतों में डबरी निर्माण का काम चल रहा है। वहीं गांव से निकलने वाले नाले के पानी को संरक्षित करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा से नाला बंधान का कार्य कराया जा रहा है। इससे गांव में ही पानी के रूकने से भू-जल स्तर में इजाफा हो रहा है, जो कालांतर में फसल की उत्पादकता में वृद्धि करेगा।

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