सक्ती. प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह गुरूवार को अचानक सक्ती विकासखण्ड के ग्राम पंचायत अमलडीहा के समाधान शिविर में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अमलडीहा में संचालित अनुसूचित जनजाति बालक आश्रम शाला को 60 से बढ़ाकर सौ सीटर करने की घोषणा की। इस घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग ने अमलडीहा में सौ सीटर माध्यमिक स्तर का आश्रम संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। वहीं शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत प्राथमिक शाला अमलडीहा को शैक्षणिक सत्र 2017-18 से पूर्व माध्यमिक शाला में उन्नयन करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने इस आश्रम के लिए जिला खनिज न्यास मद से भवन निर्माण की भी घोषणा की है।

मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने की सराहना
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने विकासखण्ड सक्ती में विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खाद्य विभाग, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, विद्युत विभाग और क्रेडा की सराहना की। उन्होंने दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में जिले के उत्कृष्ट प्रदर्शन की भी सराहना करते हुए कहा कि जिले में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मालती बाई, शांति बाई, भागबाई, अमली बाई, बिसल बाई सहित अनेक महिलाओं को गैस कनेक्शन, गैस चूल्हा और सिलेण्डर आदि वितरित किया। शिविर में एक हजार 184 मांग और 21 शिकायत सहित कुल एक हजार 205 आवेदनों के निराकरण की जानकारी दी गई।
विज्ञान मॉडलों का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने शासकीय आदिवासी बालक आश्रम के शिक्षक और वहां के बच्चों द्वारा कबाड़ और बेकार की वस्तुओं से निर्मित विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया। इस अवसर पर शिक्षक शैल कुमार पाण्डेय ने प्लास्टिक ट्यूब, स्ट्रा और फुग्गे आदि से बने हेण्डपंप माडल से पानी निकालकर दिखाया। उन्होंने कई अन्य विज्ञान मॉडलों का प्रयोग कर दिखाया। डॉ. सिंह ने इन प्रयासों की सराहना की। शिक्षक पाण्डेय ने बताया कि इन प्रायोगिक मॉडलों के जरिए बच्चे बहुत जल्दी विज्ञान के सिद्धांतों को समझ जाते हैं और बच्चे स्वयं भी इस तरह के मॉडलों को बनाने का प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने वहां उपस्थित कक्षा चौथी के छात्र डेविड कुमार केंवट और सुजल सिदार को उज्ज्वल भविष्य का आशीष दिया। साथ ही शिक्षक शैल कुुमार के आग्रह पर उनके फोटो में हस्ताक्षर कर आटोग्राफ दिया।
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