शुक्रवार, 5 मई 2017

परिजन बोले-हमारी सहमति थी, लेकिन लड़कियों को साथ ले आए घर, मानव तस्करी के संदेह में नौ लड़कियों को उतारा गया था कोरबा-त्रिवेन्द्रम एक्सप्रेस से

जांजगीर-चांपा. मानव तस्करी के संदेह में कोरबा-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहीं नौ लड़कियों को जीआरपी ने बुधवार की रात बिलासपुर स्टेशन में उतारा था। पूछताछ में संतोषजनक जानकारी नहीं मिलने पर सभी के परिजन को सूचना देकर बुलाया गया था। परिजनों ने जीआरपी थाना पहुंचकर जानकारी दी कि लड़कियों को चेन्नई भेजने में उनकी सहमति थी, लेकिन अब वे लड़कियों को अपने घर वापस ले जाना चाहते हैं। पूछताछ के बाद जीआरपी ने सभी लड़कियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। 


जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार, कोरबा-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस से उतारी गई सभी लड़कियां जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली हैं। बुधवार को बिलासपुर जीआरपी को यात्रियों से शिकायत मिली थी कि एस-4 व एस-7 कोच में 8 से 9 लड़कियां अकेली यात्रा कर रही हैं। उन्हें एक युवती लेकर जा रही थी। मानव तस्करी का संदेह भी जताया गया। जानकारी मिलते ही जीआरपी कर्मी बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफार्म 2 पर पहुंचे। उस समय ट्रेन खड़ी थी। पूछताछ पर लड़कियों को साथ ले जाने वाली युवती ने बताया कि चेन्नई में यंग ब्रांड अप्रेयल नाम की एक कंपनी है, जहां महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाई जाती है। इसके बादले सात-आठ हजार रुपए मिलते हैं। वह लड़कियों को सहमति से चेन्नई लेकर जा रही है, लेकिन उसके पास कंपनी या श्रम विभाग का कोई दस्तावेज नहीं था। मामला संदेहास्पद होने पर सभी को उतारा लिया गया था। 

इसके बाद उन्हें थाने लाया गया। यहां सभी से उनके परिजन के संबंध में जानकारी ली गई। इसके बाद परिजन को सूचना देकर थाने बुलाया गया। गुरूवार को परिजन थाने पहुंचे। इसके बाद उनसे पूछताछ की गई। इस दौरान उन्होंने अपनी सहमति से लड़कियों को भेजने की बात कही। इसके बाद थाने के स्टाफ ने एसआरपी पारुल माथुर से इस संबंध में चर्चा की। उनके निर्देश पर लड़कियों को परिजन के साथ गोंदिया-झारसुगुड़ा पैसेंजर से रवाना कर दिया गया। बिलासपुर जीआरपी थाना प्रभारी एलएस राजपूत ने बताया कि युवती समेत नौ लड़कियों को बुधवार की रात थाने में ही रखा गया था। सभी 18 से 22 उम्र की थीं। उनके पास किसी तरह के दस्तावेज नहीं थे। इसलिए मामला संदेहास्पद लग रहा था। परिजन से पूछताछ के बाद स्थिति स्पष्ट हुई, लेकिन उनके पास दस्तावेज नहीं थे। इसलिए आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। सभी को सुरक्षित परिजन के सुपुर्द करते हुए वापस घर के लिए रवाना कर दिया गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें