चन्द्रपुर. नगर में नवनिर्मित गोपालजी मंदिर में बीते एक मई से चल रहे मंदिर पुनर्निर्माण व प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चौथे दिन चार मई को वास्तु पूजन, शिखर पूजन, हवन व फलाधिवास जैसे धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए। इन सब के बीच रायगढ़ (बनोरा) आश्रम से औघड़ संत प्रियदर्शी बाबा राम का भी आगमन गोपालजी मंदिर में हुआ। बाबा प्रियदर्शी राम औघड़ सम्प्रदाय के मानने वाले है। ऐसे में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उनका आगमन शाक्त, शैव और वैष्णव परम्पराओं के अद्भुत समन्वय को दर्शा रहा है। बाबा प्रियदर्शी के आगमन के बाद सभी ने दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्रियदर्शी राम बाबा के गोपालजी मंदिर आगमन पर औघड़ व वैष्णव परम्पराओं के समन्वय के ऊपर डॉ. राजू पाण्डेय द्वारा लिखे आलेख की प्रतियां व अखबारों में प्रकाशित प्रतियों का संकलन बाबा को उनके भतीजे अजीत पाण्डेय ने डॉ. राजू पाण्डेय की शारीरिक अस्वस्थता की वजह से अनुपस्थित होने पर उनकी ओर से भेंट किया। प्रियदर्शी बाबा ने मंदिर न्यास के कराए निर्माण को सराहा व सम्पूर्ण मंदिर का भ्रमण किया तथा पूजा अर्चना की। मंदिर में स्थापित किए जाने वाले विग्रह प्राचीन गोपालजी की ग्रेनाईट की मूर्ति, जगन्नाथ महाप्रभु, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रह तथा राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती एवं लक्ष्मी-विष्णु के नवीन विग्रह की जानकारी प्रबंधक न्यासी गोविंद अग्रवाल ने प्रियदर्शी बाबा को दी। इस अवसर पर समस्त न्यासी सहित नगर व आसपास से आए प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। इस दौरान न्यासी शरद अग्रवाल ने मंच का संचालन किया। वहीं प्रबन्धक न्यासी गोविन्द ने बाबा के आगमन पर आभार जताया। बाबा के आगमन पर लेख में डॉ. राजू पाण्डेय के लिखे शब्द ‘यहां उस अनूठी कीनारामी अघोर परंपरा का स्मरण सहज ही हो आता है जो शैव, शाक्त और वैष्णव मतों को स्वयं में समाहित कर लेती है’ सच होते जान पड़ा।
आशीर्वचन रूपी संबोधन में प्रियदर्शी बाबा ने प्रत्येक प्राणी के प्रति प्रेम और सहनशीलता बनाए रखने कहा। उन्होंने कहा कि हमें अपने आप को जानना है, तभी मनुष्य जीवन की सार्थकता है। यहजीवन दुर्लभ है उस परमात्मा ने यह जीवन हमें सिर्फ कमाने खाने को न दिया, बल्कि उद्धार को दिया है। उन्होंने कहा कि हम अगर इस जीवन में आत्म कल्याण न कर सके तो हमें 84 लाख योनियों में भटकना होगा। हमको साकार से निराकार की ओर जाना है। हमें इस मंदिर से उस मंदिर की ओर जाना है, जिस मंदिर को ईश्वर ने प्राण प्रतिष्ठा किया है। प्रत्येक के प्रति हमारे मन में समता का भाव हो। उनके आगमन और उद्बोधन से गोपालजी मंदिर समारोह में उपस्थित लोगों में उत्साह और सकारात्मक विचारों का संचार हुआ। प्रबन्धक न्यासी गोविंद अग्रवाल ने प्रियदर्शी राम बाबा का आगमन को नगर व न्यास के लिए गौरव की बात कही।
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