बुधवार, 28 जून 2017

सरकार की गलत नीतियों के कारण उद्योगों की हालत खराब-संजय सिंह, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

चांपा. सरकार की गलत नीतियों के कारण उद्योगों की हालत खराब है। लगातार उद्योगों के बंद होने का सिलसिला जारी है। श्रमिकों को रोजी-रोटी के लिए भटकना पड़ रहा है। श्रम कानूनों में बदलाव के कारण मजदूरों का शोषण हो रहा है। केवल उद्योगपतियों को फायदा हो रहा है। श्रमिकों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को लेकर अगस्त माह में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की तैयारी चल रही है।

उक्त बातें इंटक के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ने बुधवार को चांपा में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है, तब से उनके नए-नए प्रयोग ने श्रमिकों का जीना हराम कर दिया है। गलत नीतियों के कारण ही उद्योगपति कभी भी बिना सूचना के कारखाना बंद कर दे रहे हंै, जिससे श्रमिकों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या आ पड़ी है। पहले तीन सौ श्रमिकों से ऊपर वाले कारखाने या उद्योगों को बंद नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब नई पालिसी के तहत पचास से अधिक श्रमिक वाले कारखानों पर बिना सूचना के तालाबंदी कर दी जा रही है। उन्होंने  बताया कि नए लेबर ला के तहत श्रमिकों के पीएफ फंड में 12 प्रतिशत कटौती को कम कर सरकार 10 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है, जिसका इंटक द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। श्रम संगठन द्वारा पीएफ कटौती 15 प्रतिशत करने मांग की जा रही है, ताकि सेवानिवृति के बाद श्रमिकों को पेंशन बतौर सम्मानजनक राशि मिल सके। 

उन्होंने बताया कि आजादी के बाद उद्योगपतियों व श्रम संगठनों में टकराव के बाद श्रमिक कल्याण के हित में अच्छा प्रतिसाद मिला था, लेकिन वत्र्तमान सरकार की गलत नीतियों के कारण मजदूरों का शोषण हो रहा है। लाभ में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने की तैयारी की जा रही है। केवल उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिक अपनी नौकरी के डर के कारण श्रम संगठनों से नहीं जुड़ते, जिनके कारण समय आने पर जो लाभ उन्हें मिलना रहता है, उससे वे वंचित हो जाते हैं। निडर होकर संगठन से जुड़ें और श्रमिक हित में अपना योगदान दें। उन्होंने बताया कि विभिन्न मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ग्यारह ट्रेड यूनियनों का कोआरडीनेशन कमेटी के नेतृत्व में अगस्त माह में दिल्ली के तालकटोरा मैदान में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इंटक यूनियन प्रदेश में 2-3 सीटों के लिए दावेदारी करेगा। इस अवसर पर पीआईएल इंटक के अध्य्क्ष शिवदयाल कर्ष, तापस दत्ता, राजकुमार सरोज, हरीश श्रीवास उपस्थित थे।

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