सक्ती. ग्राम सकर्रा में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा संचालित कियोस्क बैंक शाखा की कार्यप्रणाली एवं यहां कार्यरत कर्मचारियों की मनमानी के कारण शाखा से जुड़े उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शाखा के समय पर नहीं खुलने के साथ ही अन्य अव्यवस्थाओं से उपभोक्ता हलाकान हैं।
बताया जाता है कि कियोस्क शाखा सही समय पर न खुलने के साथ-साथ कभी-कभी तो निर्धारित समय से घटों बाद खोली जाती हैं, जिसके कारण दूरदराज के गांव से पहुंचे महिला एवं पुरूष पेंशन प्राप्तकर्ता परेशान होते हैं। शाखा में कार्यरत कर्मचारी आसपास के गांवों से ही हैं, लेकिन फिर भी वे समय पर आकर शाखा नहीं खोलते। इस वजह से विभिन्न कार्यों से आए उपभोक्ता घंटो भूखे-प्यासे शाखा के बाहर बैठकर उनका इंतजार करते रहते हैं। कर्मचारियों के आने के बाद शाखा से संबंधित उनका कार्य पूर्ण हो पाता है, लेकिन उससे पूर्व शाखा खुलने के इंतजार में वे बाहर ही घंटो बैठकर अपना समय व्यर्थ बिताने के लिए विवश होते हैं। संबंधित बैंक के मुख्य शाखा द्वारा इस ओर कोई ध्यान न देना ग्रामवासियों के समझ से बाहर है। उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां लोगों की सुविधा के लिए गांव-गांव में राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं प्रारंभ की गई है, वहीं उन शाखाओं में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी अपने कर्तव्यों का सही एवं उचित परिपालन नहीं करते, जिसके कारण बैंक से संबंधित खातेधारकों को परेशानी का सामना करते हुए कभी-कभी तो बिना कार्य हुए ही वापस लौटने के लिए विवश होना पड़ता है। शाखा के बाहर उपभोक्ता सेवा के लिए लिखे नंबर पर संपर्क करने पर उनके द्वारा न तो फोन उठाया जाता है और न ही कोई उचित जवाब दिया जाता है।
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