सक्ती. क्षेत्र की एक युवती के साथ हुए अनाचार के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने तथा सक्ती थाना प्रभारी द्वारा पीडि़ता के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले की जानकारी होने पर कांग्रेस नेत्रियों ने पीडि़ता के घर पहुंचकर उससे मुलाकात की तथा घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर थानेदार के प्रति रोष जाहिर किया। कांग्रेस नेत्रियों ने अनाचार के आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के साथ ही पीडि़ता के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले थानेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञात हो कि अनाचार के आरोपी युवक को गिरफ्तार करने में लापरवाही बरतने और गाली-गलौच के साथ अपमानजनक बातें करने का आरोप पीडि़ता ने सक्ती थाना प्रभारी निरीक्षक केएल यादव पर लगाया है। पीडि़ता ने इस मामले की शिकायत एसएसपी अजय यादव से लिखित में की है, जिस पर एसएसपी ने सक्ती थाना प्रभारी को फटकार लगाते हुए 15 दिवस के भीतर आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। वहीं पीडि़ता के साथ थाना प्रभारी द्वारा गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किए जाने की शिकायत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा द्वारा सक्ती एसडीओपी निकोलस खलखो को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस मामले की खबर मीडिया में आने के बाद विपक्षी दलों के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। रविवार को महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शेषराज हरंवश, कांग्रेस की प्रदेश सचिव शशिकांता राठौर, गीता देवांगन, अल्का जायसवाल, तान्या अनुरागी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिगम्बर चौबे ग्राम आमापाली पहुंचे और अनाचार पीडि़ता से मुलाकात की।
इस दौरान पीडि़ता से विस्तृत जानकारी ली गई। पीडि़ता अपने घर में कांग्रेस नेत्रियों तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिगम्बर चौबे को देखकर भावुक होकर रो पड़ी और उसने थानेदार केएल यादव द्वारा किए गए दुव्र्यवहार की जानकारी दी। पीडि़ता के पिता ने बताया कि वे अपनी पुत्री के साथ सक्ती टीआई यादव के पास पहुंचे थे। उन्हें जानकारी दी गई कि आरोपी योगेश पटेल कोरबा में है, यह सुनकर टीआई ने गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। पीडि़ता एवं उसके परिजनों से पूरी जानकारी लेने के बाद कांग्रेस नेत्रियों ने सक्ती टीआई के खिलाफ कार्रवाई के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कही। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शेषराज हरवंश ने बताया कि युवती के साथ इस प्रकार की जो हरकत की गई है, यह अशोभनीय एवं अपमानित भाषा है। थानेदार द्वारा अगर लडक़ी को ऐसा कहा गया है तो उनके खिलाफ भी वही कार्रवाई होनी चाहिए, जो अनाचार के आरोपी के खिलाफ होगी। प्रदेश सचिव शशिकांता राठौर ने कहा कि युवती के साथ जो हुआ है, वह बहुत ही शर्मनाक एवं दुखद है। पीडि़ता अपना दुख-दर्द लेकर न्याय के लिए थाने नहीं जाएगी तो कहां जाएगी। महिला नेत्रियों ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच तथा टीआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की जाएगी।
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