शिवरीनारायण. अंग्रेजी शिक्षा के प्रति पालकों मे बढ़ते रुझान के कारण नगर व क्षेत्र मे कुकुरमुत्ते की तरह जगह-जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलते जा रहे हैं। इन स्कूलों के पास न तो खुद का भवन है और न ही इनके पास छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक है फिर भी स्कूल संचालक बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का आश्वासन देकर शासन द्वारा निर्धारित नि:शुल्क पुस्तकों को दरकिनार करते हुए प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तकों को मनमानी दर पर पालकों को बेच रहा है तथा उनसे यूनिफार्म और कापी का मूल्य भी बाजार भाव से अधिक वसूल रहा है, जिससे पालकों मे असंतोष है।
नगर मे ऐसे संचालित स्कूलों में से एक लिटिल फ्लावर स्कूल है, जो स्थानीय राधा कृष्ण मंदिर परिसर को किराया में लेकर नर्सरी से कक्षा 9वीं तक के बच्चों को प्रवेश दिए हुए है। इस स्कूल में वर्तमान में लगभग 350 बच्चे अध्ययनरत है। इस स्कूल में नर्सरी से कक्षा 9वीं तक के नवीन बच्चों का प्रवेश शुल्क लगभग 3000 रुपए से 5000 रुपए तक लिया जा रहा है। साथ ही स्कूल के पुराने छात्रों से भी अगली कक्षा मे प्रवेश के नाम पर लगभग 2000 रुपए से 3500 रुपए तक वसूल रहे हैं। इसके अतिरिक्त छात्रों को प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तक, कापी एवं यूनिफार्म भी स्कूल से ही खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। नर्सरी क्लास के छात्रों के लिए पालकों से पुस्तक एवं नोट बुक्स के लिए 1150 रुपए तथा यूनिफार्म के लिए 1200 रुपए लिया जा रहा है। इसी तरह अन्य क्लास के छात्रों के पालकों से पुस्तक, कापी एवं यूनिफार्म के नाम पर मनमानी राशि वसूली जा रही है। एक पालक अशोक उपाध्याय ने बताया की उसकी लडक़ी उक्त स्कूल में क्लास 3 में पढ़ रही है। उन्होंने पुस्तक, कापी के लिए लगभग 2500 रुपए स्कूल में दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो कापी बाजार मे लगभग 25 रुपए मे बिक रही है, उस कापी को स्कूल वाले कापी के कवर में स्कूल का नाम प्रिंट कराकर 50 रुपए में बेच रहे हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा यूनिफार्म, पुस्तक तथा कापी स्कूल से ही खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इस संबंध में लिटिल फ्लावर पब्लिक स्कूल के प्राचार्य राजनदास पाणीग्राही का कहना है कि शासन द्वारा निर्धारित पाठयक्रम की पुस्तकें अंगेजी माध्यम स्कूलों के छात्रों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकें चला रहे हैं। पालकों की मांग पर हम स्कूल में ही छात्रों को पुस्तक, कापी तथा यूनिफार्म उपलब्ध करा रहे हैं।
जानकारी लेकर कार्यवाही
प्राइवेट स्कूलों को शासन द्वारा निर्धारित पाठय पुस्तकें को हटाकर प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकें चलाने का अधिकार नहीं है और न ही इनको स्कूल में पुस्तक, कापी और यूनिफार्म बेचने का अधिकार है। यदि स्कूलों में ऐसा किया जा रहा है तो जानकारी लेकर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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