डभरा. नगर में संचालित शासकीय महाविद्यालय शासन-प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। इस महाविद्यालय के विद्यार्थी पिछले 3 सालों से सात सूत्रीय मांगों को लेकर समय-समय पर आमरण अनशन कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने जब भी अनशन किया है, तब प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन देकर अनशन खत्म करवाया है, लेकिन विद्यार्थियों की मांगें अब तक पूरी नहीं हुई है। इससे आक्रोशित विद्यार्थियों ने एक बार फिर आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार किया है। विद्यार्थियों का कहना है कि वे इस बार तब तक अनशन करते रहेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती।
दरअसल, शासकीय महाविद्यालय डभरा में समस्याओं की अंबार है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थी आवश्यक सुविधाओं की मांग को लेकर पिछले तीन वर्षों से समय-समय पर धरना-आंदोलन कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने जब-जब आंदोलन किया है, तब-तब प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन ही दिया है। इस बात को लेकर विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है। पुरानी मांगे पूरी नहीं होने से बुधवार को विद्यार्थियों के सब्र का बांध टूट गया और वे रैली निकालकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे। विद्यार्थियों ने एसडीएम रीता यादव को ज्ञापन सौंपकर अनिश्चितकालीन अनशन का ऐलान किया। गजब तो तब हुआ, जब छात्र नेता ने बताया कि पिछले 3 सालों से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार उनके द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है, परंतु जब भी कलेक्टर के प्रतिनिधि हमारे पास आते हैं तो उनके पास आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं होता।
उन्होंने बताया कि एक ऐसा आश्वासन जो कभी पूरा नहीं होता। तीन साल तक इंतजार करने के बाद जब हमारे सब्र का पैमाना टूटा है, तब हमने आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। विद्यार्थियों का कहना यह है कि इस बार वे मांगें पूरी होने के बाद ही अनशन खत्म करेंगे। विद्यार्थियों ने तहसील कार्यालय के सामने टेंट लगाया है, जहां वे अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। अनशन पर बैठने वालों में छात्रनेता खुशवन्त सिंह चन्द्रा, द्रोण चन्द्रा, मंगलसिंह सिदार, विजय सिह सिदार, धीरज जाटवर का नाम शामिल है। वहीं इनका सहयोग कृपासागर मैत्री, फूलदीप चौहान, योगेश पटेल, हेमन्त चौहान, उमेश खूंटे, रोशन लहर, जयंत वर्मा, शशि कुर्रे, आरती निराला, रमेश्री निराला, मालती सहित अन्य विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा है।
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