बुधवार, 9 अगस्त 2017

सांसद कमला पाटले ने उठाया दिव्यांगजनों को मुद्दा, यूडीआईडी कार्ड के संबंध में सामाजिक न्याय मंत्री से पूछे सवाल

जांजगीर-चांपा. क्षेत्रीय सांसद कमला पाटले ने मानसून सत्र में भिन्न रूप से सशक्तजनों के लिए यूडीआईडी कार्ड के संबंध में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल पूछा। सांसद पाटले ने पूछा कि क्या सरकार का विचार नि:शक्तजनों के लिए विशिष्ट नि:शक्तता पहचान कार्ड के लिए एक केंद्रीयकृत ई-प्लेटफार्म आरंभ करने का है? यदि हां तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और उक्त कार्यक्रम के उद्देश्य क्या है?

प्रथम चरण में किन राज्यों को शामिल करने का विचार है और उक्त प्रयोजनार्थ कुल कितनी राशि आंवटित की गई है तथा उक्त प्रयोजनार्थ प्राधिकृत एजेंसी कौन-सी है? उक्त पंजीकरण प्रक्रिया कब तक आरंभ किए जाने की संभावना है और पात्र नि:शक्तजनों को कब तक विशिष्ट नि:शक्तता पहचान कार्ड प्रदान किए जाने की संभावना है? इन प्रश्नों के उत्तर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए राष्ट्रीय डाटा बेस तैयार करने के विचार से तथा समरूप वेब आधारित कार्यक्रम के माध्यम से देश में प्रत्येक दिव्यांगजन को विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी) जारी किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पहले ही एक एप्लीकेशन साफ्टवेयर का विकास कर लिया है, जो नेशनल इन्फोरमेटिक्स सेंन्टर (एनआईसी) क्लाउड पर उपलब्ध है। यूडीआईडी परियोजना समानता एवं एकरूपता सुनिश्चित करते हुए दिव्यांगजनों को सरकारी लाभांग की सुपुर्दगी पारदर्शी, रक्ष एवं सहज बनाने की परिकल्पना करती है, जिससे कि  कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर लाभ सुपुर्दगी की वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति का पता लगाने की व्यवस्था तैयार की जा सके। यूडीआईडी परियोजना के प्रथम चरण में 14 राज्य व संघ राज्य क्षेत्र, नामत: उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, उड़ीसा, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, तेलंगाना, त्रिपुल, चंडीगढ, हरियाणा शामिल हैैं। 

पूरे देश में इस परियोजना के कार्यान्वयन की कुल अनुमानित परियोजना लागत रुपए 98.753 करोड़ है। सक्षम चिकित्सा प्राधिकारियों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यूडीआईडी कार्डों को जारी करने के लिए प्राधिकृत किए गए हैं। मैसर्स वर्सेटाइल कार्ड टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को प्लास्टिक के यूडीआईडी कार्ड प्रिंट करने का कार्य सौंपा गया है। आठ राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों, नामत: उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, उड़ीसा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं केरल के 150 से अधिक जिलों में यह परियोजना पहले ही आरंभ हो चुकी है तथा ई-कार्ड पहले ही तैयार कर लिए गए हैं।

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