बुधवार, 9 अगस्त 2017

अनियंत्रित होकर खेत में पलटी बस, दर्जनों यात्री हुए घायल, सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद सभी जिला अस्पताल रेफर

सक्ती. कोरबा से कचन्दा जा रही बस सागर कोच डेरागढ़ एवं रानीगांव के बीच अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में बस में सवार दर्जनों यात्री घायल हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करवाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल जांजगीर रेफर कर दिया गया। घटना के बाद आरोपी वाहन चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।

जानकारी के अनुसार, कोरबा से कचन्दा जा रही बस सागर कोच क्रमांक सीजी10 जी 0391 डेरागढ़ एवं रानीगांव के बीच ड्राइवर द्वारा नियंत्रण खोने के कारण अनियंत्रित होकर सडक़ से नीचे उतरकर खेत में पलट गई, जिसमें सवार यात्री घायल हो गए। बताया जा रहा है कि बस में लगभग 50 से 60 यात्री सवार थे। बस चालक बस को तेज एवं लापरवाहीपूर्वक संकरी सडक़ पर चलाते हुए ग्राम कचन्दा की ओर लेकर जा रहा था। इसी बीच सडक़ के नीचे खेत पर बस पलट गई। घटना के बाद चालक वाहन को घटना स्थल पर छोडक़र फरार हो गया है। घटना में 3 महिलाओं को गम्भीर चोंटे आने पर उनमें से दो महिलाओं को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जिनमें शीला बाई (35) पति बद्रीप्रसाद साहू ग्राम बेल्हाडीह तथा चमेलीबाई राठौर (36) पति हुलासराम राठौर डुमरपारा शामिल है।  वहीं अन्य घायल यात्रियों को जब सक्ती स्थित चिकित्सालय लाया गया तो वहां घायल यात्रियों का इलाज कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।  कई आवश्यक दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी, जिसे परिजनों द्वारा बाजार से खरीद कर लाया गया। गंभीर रूप से घायल महिलाओं को पसली, हाथ सहित शरीर के अन्य अंगों में चोंटे आई हैं, जिनका प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
 


इलाज के बजाय करते हैं रेफर

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सक्ती में प्राय: यह देखा गया है कि नगर के आसपास में होने वाली ऐसी घटनाओं में घायलों का समुचित उपचार करने के बजाय स्थानीय चिकित्सक उन्हें अन्यत्र रेफर कर अपने सिर से बला टाल लेते हैं, जबकि सीएचसी में करोड़ों रुपए लागत की मशीनें एवं उपचार उपकरण उपलब्ध हैं। इसके बावजूद चिकित्सालय में विषेशज्ञ चिकित्सकों के न होने के कारण प्राय: ऐसे मरीजों को बाहर रेफर करने के बाद उनकी मृत्यु रास्ते में ही हो जाती है। एक ओर जहां नगर को जिला बनाने की मांग जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा समय-समय पर की जाती रही है, लेकिन नगर में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध न होने पर जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठनों द्वारा किसी प्रकार की पहल एवं आवाज न उठाया जाना समझ से परे है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें