मंगलवार, 19 सितंबर 2017

किसान की मौत के बाद भी बैरिस्टर स्मृति समारोह के मंच पर लगे ठुमके, जनप्रतिनिधि व कई अफसरों ने मानवता को शर्मसार कर कार्यक्रम का लिया आंनद

जांजगीर-चांपा. सूदखोरों की प्रताडऩा से त्रस्त कुरदा गांव के एक किसान ने सोमवार को जनदर्शन में कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के सामने ही जहर पीकर खुदकुशी कर ली। किसान की असमायिक मौत से जहां उसका पूरा परिवार सदमे में डूबा है, वहीं जिला प्रशासन ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए बैरिस्टर स्मृति समारोह के मंच पर देर रात तक नाच-गान करवाया। इस दौरान कलाकारों ने जमकर ठुमके लगाए, जिसका जिले के कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसरों ने जमकर आनंद उठाया। रमन सरकार के नुमाइंदों तथा जनप्रतिनिधियों के इस कृत्य ने यह साबित जरूर कर दिया है कि किसान जिए या मरे, इसकी परवाह न तो शासन-प्रशासन को है और न ही जनप्रतिनिधियों को। यही वजह है कि पीडि़त परिवार को ढ़ांढस बंधाने के बजाय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसरों ने मानवता को शर्मसार करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ  उठाया।

दरअसल, चांपा तहसील अंतर्गत ग्राम कुरदा निवासी कृषक जगदीश बघेल ने कुछ साहूकारों से कर्ज बतौर रकम ली थी, जिसके कारण उसकी कृषि भूमि तक गिरवी में चली गई थी। साहूकारों का कर्ज चुकता करते-करते जगदीश आर्थिक और मानसिक रूप से त्रस्त हो चुका था। इस मामले को लेकर जगदीश कुछ माह पहले चांपा थाना भी पहुंचा था, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने सूदखोरों पर कार्रवाई करने के बजाय उसे न्यायालय जाने की सलाह दी। इसके बाद से कृषक जगदीश लगातार कलेक्टर जनदर्शन में आकर अपनी गुहार लगा रहा था। सोमवार 18 सितम्बर को भी वह अपनी गुहार लगाने कलेक्टोरेट पहुंचा था। कलेक्टर जनदर्शन के दौरान वह अन्य फरियादियों के साथ कतार में लगा था। इसी वक्त उसने जहर सेवन कर लिया, जिससे वह बेहोश हो गया और जिला अस्पताल पहुंचने पर उसने दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर जगदीश के परिजन जहां सदमें में हैं। 

वहीं घटना की जानकारी देने तथा मीडिया को वस्तुस्थिति से अवगत करवाने के बजाय कलेक्टर डॉ. भारतीदासन सोमवार को पूरे दिन मीडिया के सामने नहीं आए। दूसरी ओर, इस घटना के बाद जिला प्रशासन के अफसरों ने ग्राम कुरदा जाकर पीडि़त परिवार को ढंाढस बंधाने के बजाय बेशर्मी की सारी हदें पार की। किसान की मौत के चंद घंटे बाद ही कचहरी चौक में आयोजित तीन दिवसीय बैरिस्टर स्मृति समारोह में कलाकारों से नाच-गान करवाया गया। मंच पर कलाकारों ने जमकर ठुमके लगाए। समारोह में अर्जुन्दा के कलाकारों ने लोक गीत और नृत्य की प्रस्तुति से लोगों का देर रात तक मनोरंजन किया। अर्जुन्दा के दीपक चंद्राकर और उनके साथियों द्वारा करमा, सुआ, ददरिया सहित विविध प्रकार के गीत-नृत्य प्रस्तुत किए गए। इससे पहले अंचल शर्मा और उनके साथियों द्वारा देशभक्ति के अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। अंचल शर्मा और उनके म्युजिकल ग्रुप द्वारा कई फिल्मी गीतों की प्रस्तुति दी गई। साथ ही ग्रुप के कलाकारों ने मंच पर ठुमके भी लगाए। इन सभी कार्यक्रमों में जिले के कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर घंटों मौजूद रहकर नाच-गान का आनंद लिया, जिससे जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें