जांजगीर-चांपा. सक्ती के भाजपा विधायक डॉ. खिलावन साहू के एक करीबी पर ग्राम कंचदा में अवस्थित बेशकीमती निजी जमीन में अवैध कब्जा किए जाने का आरोप लगा है। पीडि़त पक्ष का आरोप है कि कचंदा में अवस्थित उक्त भूमि उनकी पैतृक है, जिस पर विधायक के करीबी ने जबरिया कब्जा किया है। इस मामले की शिकायत शासन-प्रशासन से कई बार की जा चुकी है, लेकिन सत्तापक्ष के विधायक के करीबी द्वारा उक्त कृत्य को अंजाम दिए जाने के कारण उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
"दैनिक नवीन कदम" को प्राप्त शिकायती पत्र के अनुसार, सक्ती विकासखंड क्षेत्र के ग्राम कचंदा (नगरदा) में साधन प्रसाद शिवराज पिता झुटूराम शिवराज की खसरा नंबर 57/2, कुल रकबा 0.364 हेक्टेयर भूमि अवस्थित है, जिसमें से 93 हेक्टेयर भूमि पर गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। शासन-प्रशासन को सौंपे शिकायती पत्र में साधन प्रसाद ने आरोप लगाया है कि उनकी 93 हेक्टेयर पैतृक भूमि पर कुछ साल पहले सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू के करीबी रंजीत लहरे ने अवैध कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत पूर्व में उन्होंने तहसीलदार और सक्ती एसडीएम के समक्ष की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
ऐसे में उन्होंने मामले की शिकायत कलेक्टर से की, परन्तु यहां भी उन्हें न्याय नहीं मिला, तब बिलासपुर कमिश्नर के समक्ष गुहार लगाई गई। साधन प्रसाद का यह भी आरोप है कि तहसीलदार से लेकर कमिश्नर तक के किसी भी अफसर ने उसकी शिकायत पर उचित कार्यवाही नहीं की। इस वजह से वह पिछले तीन वर्षों से शासन- प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत पीडि़त ने राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भी की है। फिलहाल, इस मामले में साधन प्रसाद को कोई सफलता नहीं मिली है, लेकिन वह भी अब आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बना चुका है।
बाल-बच्चों समेत पहुंचा था रायपुर
पैतृक भूमि पर अवैध कब्जा होने से परेशान साधन प्रसाद हाल ही में बाल-बच्चों समेत राजधानी रायपुर पहुंचा था। साधन प्रसाद ने बताया कि अपने परिवार के साथ वह सीएम आवास के बाहर डेरा-डंडा लगाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान बाराद्वार पुलिस की टीम वहां पहुंची और मामले में कलेक्टर द्वारा संज्ञान लिए जाने की बात कहते हुए उन्हें अपने साथ ले आई। यहां आने के बाद कलेक्टर ने उनकी बात सुनना तो दूर मिलना तक मुनासिब नहीं समझा।
पुलिस पर गुमराह करने का आरोप
पीडि़त साधन प्रसाद का कहना है कि अपनी जमीन वापस पाने के लिए तीन साल के भीतर उसने सैकड़ों अर्जियां शासन-प्रशासन को सौंपी हैं, लेकिन उसकी एक भी अर्जी पर सुनवाई नहीं हुई है। इससे परेशान होकर वह परिवार समेत रायपुर पहुंचा था, ताकि सीएम उसके मामले में सुनवाई कर त्वरित कार्यवाही करने का आदेश देंगे, लेकिन राजधानी पहुंची बाराद्वार पुलिस की टीम उसे गुमराह कर वापस बाराद्वार ले आई। यहां कलेक्टर से मुलाकात कराने के बजाय सक्ती एसडीएम से मिलवाया। एसडीएम ने भी आश्वासन देकर चलता कर दिया।
मुझे जानकारी नहीं है
क्षेत्र का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरे पास कई लोग मिलने-जुलने आते हैं। डेढ़ साल पहले तक रंजित लहरे भी आता था, लेकिन अब वह मेरे यहां नहीं आता। किसने, किसकी जमीन पर कब्जा किया है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इस मामले से व्यक्तिगत तौर पर मुझे कोई लेना-देना नहीं है।
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