चांपा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक ओर जहां देशभर में स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति नसीहत दी जा रही है। नगरीय निकायों के अफसरों को चेताया जा रहा है कि वे नियमित रूप से साफ-सफाई करवाएं। वहीं उनकी नसीहत का चांपा में कोई असर नहीं दिख रहा है। नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही से नगर में जगह-जगह कूड़ा-करकट का ढेर लगा हुआ है। नालियां जाम पड़ी हुई हैं, जिसकी सफाई करवाने नपा प्रशासन उदासीन है।
वैसे तो चांपा की पहचान कोसा, कांसा और कंचन को लेकर देश भर में है, लेकिन मौजूदा समय में यहां जगह-जगह बिखरी पड़ी गंदगी ने गंदे शहर के रूप में चांपा की पहचान कराने कोई कसर नहीं छोड़ी है। वर्तमान में नगर के सभी वार्डों में गंदगी का आलम है। शहर के मुख्य मार्गों का कचरा ही नियमित रूप से नहीं उठ पा रहा है। नालियां जाम हैं। ऐसे में गली-मोहल्लों में साफ-सफाई की बात करना बेमानी है। नगर के गुरूद्वारा के पीछे, मंझली तालाब के आसपास, हेमिनबाई हॉस्पिटल के आसपास सहित कई स्थानों पर बिखरी गंदगी तथा इकट्ठा कूड़ा-करकट का ढेर सफाई अभियान की पोल खोलने काफी है। यहां बताना लाजिमी होगा कि चांपा शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रयास करने का ढिढ़ोरा पीटा जा रहा है। शहर के कुछ जागरूक लोग स्वच्छता अभियान चलाकर शहर को गंदगीमुक्त करने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। यहां की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। गुरूद्वारा के आसपास के लोगों ने बताया कि नपा द्वारा यहां की नियमित साफ-सफाई नहीं करवाई जाती। इस वजह से जगह-जगह गंदगी का ढेर है। नालियां जाम हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत नपा के जिम्मेदारों से कई मर्तबा की जा चुकी है, लेकिन शिकायत को उन्होंने रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह की स्थिति बनी रही तो उन्हें आंदोलन के लिए विवश होना पड़ सकता है।
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