जांजगीर-चांपा. अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर पखवाड़े भर उग्र आंदोलन करने वाले शिक्षाकर्मी राज्य शासन की सख्ती के कारण मांगें पूर्ण हुए बगैर भले ही अपने काम पर लौट आए हैं, लेकिन शासन-प्रशासन के खिलाफ उनके मन में काफी गुस्सा भरा है। यही वजह है कि जांजगीर तहसील क्षेत्र के शिक्षाकर्मियों ने बीएलओ का कार्य करने से साफ इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि गुरूवार को वे जांजगीर तहसीलदार द्वारा वाट्सएप पर बनाए गए बीएलओ ग्रुप से एक-एक कर लेफ्ट हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, जांजगीर तहसील क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थ शिक्षाकर्मियों के हड़ताल से लौटने के बाद जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी ने वाट्सएप पर बने बीएलओ ग्रुप में बीएलओ का काम करने वाले सभी शिक्षाकर्मियों को इस काम पर लौटने का फरमान जारी किया। वाट्सएप ग्रुप पर जारी फरमान को पढ़ते ही शिक्षाकर्मी भडक़ गए और एकजुटता का परिचय देते हुए उन्होंने बीएलओ का कार्य करने से साफ इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि कुछ शिक्षाकर्मियों ने वाट्सएप गु्रप में मैसेज भी लिखा कि वे बीएलओ का कार्य करने के कतई इच्छुक नहीं हैं। इसके बाद एक-एक कर सभी शिक्षाकर्मी उस गु्रप से लेफ्ट होते गए। देखते ही देखते ग्रुप में चंद लोग बचे, जो या तो स्वयं तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई और पटवारी हैं या फिर नियमित शिक्षक हैंं। मसलन, सभी शिक्षाकर्मी ग्रुप से लेफ्ट हो गए। बहरहाल, शिक्षाकर्मियों के इस रवैये से जांजगीर तहसीलदार के हाथ-पांव फूल गए हैं। वहीं उन्होंने मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। ‘दैनिक नवीन कदम’ रिपोर्टर ने इस संबंध में तहसीलदार शशि चौधरी से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया, किन्तु किन्हीं कारणवश उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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