शनिवार, 13 जनवरी 2018

चेहरा दिखाने के बाद भागे चिकित्सक, अव्यवस्थाओं के बीच आयोजित हुआ स्वास्थ्य शिविर, पत्रकारों और उनके परिजनों को नहीं मिला अपेक्षित लाभ

जांजगीर-चांपा. जिले के पत्रकारों एवं उनके परिजनों के शनिवार को जिला चिकित्सालय में आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। बताया जा रहा है कि कलेक्टर एवं अन्य प्रशासनिक अफसरों को चेहरा दिखाने के बाद कई चिकित्सक शिविर से भाग गए, जिसके कारण पत्रकार और उनके परिजनों को नि:शुल्क शिविर का अपेक्षित लाभ नहीं मिला। इस बात को लेकर पत्रकारों में खासी नाराजगी है।

दरअसल, जिले के पत्रकारों एवं उनके परिजनों के लिए शनिवार को जिला चिकित्सालय में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत वसंत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही जयप्रकाश और सिविल सर्जन डॉ. पीसी जैन ने भगवान धनवंतरी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभांरभ किया। इस दौरान कलेक्टर ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। बताया जा रहा है कि शुभारंभ की औपचारिकता निभाने के बाद कलेक्टर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी जैसे ही वहां से अन्यत्र रवाना हुए, ठीक वैसे ही अधिकांश चिकित्सक मौका देखकर वहां से भाग गए। इस वजह से पत्रकार एवं उनके परिजनों को शिविर का अपेक्षित लाभ नहीं मिला। कुछ पत्रकारों ने बताया कि शिविर में जिन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी, वे शुभारंभ के अवसर पर दिखे थे, लेकिन जैसे ही कलेक्टर और अन्य अफसर शिविर से अन्यत्र रवाना हुए, वैसे ही चिकित्सक भी शिविर से बारी-बार खिसकते गए। इस वजह से कई गंभीर बीमारियों का परीक्षण नहीं हो सका। बहरहाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विशेष निर्देश पर पहली बार आयोजित इस नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर को जिल के पत्रकारों ने ढकोसला बताया है।
 

प्राइवेट क्लीनिक में बुलाने का आरोप

आपको बता दें कि शनिवार को आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में जिले समेत आसपास के जिलों के कई प्राइवेट क्लीनिक संचालकों की सेवाएं भी ली गई। हद तो तब हो गई, जब कुछ चिकित्सकों ने परीक्षण की औपचारिकता निभाते हुए पत्रकार एवं उनके परिजनों को अपने प्राइवेट क्लीनिक में आकर बेहतर ढंग से उपचार कराने की सलाह दी। कुछ चिकित्सकों ने अपना पता-ठिकाना तक दिया। वहीं कुछ चिकित्सकों ने अपने स्वयं की क्लीनिक का भरपूर प्रचार-प्रसार भी किया।

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