मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

जानिए पुलिस अधीक्षक ने क्यों कहा- कोल डिपो में अवैध कारोबार की शिकायत मिलने पर थानेदार होंगे जिम्मेदार

जांजगीर-चांपा. कुटीघाट से लेकर मसनियाकला तक जिले की सीमा में संचालित कोल डिपो में अवैध कारोबार की शिकायत मिलने पर अब थानेदार जिम्मेदार माने जाएंगे। पुलिस अधीक्षक नीथू कमल ने फरमान जारी कर थानेदारों को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। साथ ही उन्हें कोयला कारोबारियों को भी सतर्क करने की हिदायत दी है। 

दरअसल, पुलिस अधीक्षक नीथू कमल की जिले में पदस्थापना के बाद कोयला कारोबारियों में हडक़ंप मच गया है। जिले के कुटीघाट से लेकर मसनियाकला तक संचालित कोल डिपो संचालकों के होश उड़ गए हैं। ये खबर आप पढ़ रहे हैं http://navinkadam.blogspot.in/ पर एक तरफ जहां बिलासपुर रेंज के आईजी दीपांशु काबरा ने कोयला कारोबारियों पर अंकुश लगाने का फरमान जारी किया है। वहीं दूसरी तरफ  एसपी नीथू कमल ने भी कोल डिपो संचालकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों से कोयले का अवैध कारोबार थम सा गया है। लगातार छापामार कार्रवाई के साथ ही एसपी नीथू कमल ने सभी थानेदारों को विशेष निर्देश जारी किया है। उन्होंने कोल डिपो में अनियमितता पाए जाने पर सीधे एफआईआर दर्ज करने कहा है। ये खबर आप पढ़ रहे हैं http://navinkadam.blogspot.in/ पर इसके साथ ही उन्होंने कोल माफियाओं से सांठगाठ कर अवैध कारोबार में शामिल थानेदारों को चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी थाना क्षेत्र में कोल डिपो में अवैध कारोबार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। शिकायत मिलने पर वे खुद टीम भेजकर छापामार कार्रवाई कराएंगी। इस कार्रवाई में गड़बड़ी पाए जाने पर थानेदारों को जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ  अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एसपी के इस फरमान से कोल माफियाओं के साथ ही थानेदारों में हडक़ंप मच गया है।
 

सक्ती में सर्वाधिक कोल माफिया

जिले का सक्ती थाना क्षेत्र कोयला की तस्करी के मामले में हमेशा से चर्चित रहा है। यहां दर्जनों लोग हैं, जो कोयला के अवैध कारोबार में संलिप्त हैं। शासन के आदेश पर पूर्व में मसनियाकला तथा आसपास संचालित कोल डिपो को बंद करवाया गया था। ये खबर आप पढ़ रहे हैं http://navinkadam.blogspot.in/ पर बावजूद इसके बंद डिपो से आए दिन कोयला के अवैध कारोबार की खबर मिलती रहती है। बताया जाता है कि इस मार्ग से रायगढ़ और कोरबा की ओर गुजरने वाले कोयला लोड वाहनों से कोयले की चोरी कर उसे महंगे दामों पर बेचा जाता है। कोयला की तस्करी के कई बड़े मामले यहां सामने आ चुके हैं, जिनमें संलिप्त लोगों पर पुलिस ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है, जिसके कारण उनके हौसले बुलंद हैं।
 

पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

सक्ती और बाराद्वार क्षेत्र में कुछ वर्ष के भीतर कोयला तस्करी के दर्जनों मामले सामने आए हैं, लेकिन एक भी मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। बताया जाता है कि क्षेत्र के कोयला तस्करों से स्थानीय पुलिस अफसरों तगड़ी सांठगांठ है। ये खबर आप पढ़ रहे हैं http://navinkadam.blogspot.in/ पर आरोप यहां तक है कि पुलिस अधिकारी उन तस्करों से कार्यवाही न करने के एवज में समय-समय पर मोटी रकम वसूलते हैं। संभवत: यही वजह है कि इस क्षेत्र में कोयले का अवैध कारोबार काफी फल-फूल रहा है। नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक यदि दागी लोगों पर शिकंजा कसती हैं तो निश्चित तौर पर क्षेत्र में चल रहा कोयला का अवैध कारोबार जड़ से समाप्त हो सकता है।

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