शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

स्कूलों में नहीं लगी योग की स्पेशल क्लास, राज्य शासन के आदेश का जिले में नहीं हुआ पालन

जांजगीर-चांपा. सरकारी स्कूलों में चालू शिक्षा सत्र में योग की स्पेशल क्लास अनिवार्य किए जाने के बाद भी यह कागजों में ही रह गई। राज्य शासन के आदेश का पालन ही नहीं हुआ। कहीं शुरुआती दिनों में योग की क्लास जरूर लगाई गई। बाद में वह भी बंद हो गई। 

योग के लिए शाला से किसी एक-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जाना था, लेकिन किसी भी शाला में योग प्रशिक्षण के लिए किसी शिक्षक को ट्रेंड भी नहीं किया। यही कारण है कि पूरे सत्र में गिने-चुने दिन ही योग की कक्षा लगाई जा सकी। शिक्षा विभाग को पिछले साल यह आदेश शासन से आया था कि सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों की योगा क्लास अनिवार्य रूप से लगानी है। शासन का उद्देश्य है कि इससे विद्यार्थियों को बचपन से ही योगा करने के प्रति रूचि रहेगी, जिससे विद्यार्थियों का स्वास्थ्य भी पूरी तरह स्वस्थ रहेगा। अधिकांश स्कूलों में योगा की क्लास ही नहीं लगी। शिक्षा विभाग ने इस ओर गंभीरता ही नहीं दिखाई, जिसके चलते जिले भर के स्कूलों में योगा की अतिरिक्त रूप से कक्षाएं ही नहीं लगी।


कुछ स्कूलों में औपचारिकता

कुछ-कुछ स्कूलों में सप्ताह में सिर्फ  एक दिन ही योगा की कक्षाएं लगी। ऐसे गिने चुने स्कूल ही हैं, जिसमें सप्ताह में एक दिन योगा की क्लास लगी। उसमें भी कुछ स्कूलों में प्रेयर के दौरान पीटी कराया गया। उसे ही योगा मान लिया गया।


शिक्षक भी नहीं हुए प्रशिक्षित

योगा की कक्षाएं लगाने के लिए एक हर स्कूल से कम से कम एक शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाना था। उक्त शिक्षक को योग की बारीकियां सिखाने का प्रबंध किया जाना था। बावजूद ऐसा विभाग से नहीं किया गया। न ही किसी स्कूल प्रबंधन द्वारा इस ओर ध्यान दिया गया, जिससे कोई भी शिक्षक प्रशिक्षित ही नहीं हुआ। जिन स्कूलों में कुछ दिनों तक योगा की क्लास लगी भी तो वहां इन बगैर प्रशिक्षत योग शिक्षकों के ही कक्षाएं लगी, जिससे विद्यार्थियों को गंभीरता पूर्वक कुछ सीखने को नहीं मिला।


कुछ स्कूलों में लगी क्लास

योगा की कक्षाएं लगाई तो जानी थी। कुछ स्कूलों में कक्षाएं तो लगी, लेकिन ज्यादातर स्कूलों में योग क्लासेस नहीं लगाई जा सकी। वहीं कुछ शिक्षक थोड़ा बहुत जो योग जानते थे, उन्होंने ही योग सिखाया।

-जीपी भास्कर, जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर

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